केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. बताया गया है कि 15वें वित्त आयोग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र सरकार पर राज्य का लगभग 2,000 करोड़ रुपये बकाया है. फंड नहीं मिलने के कारण राज्य भर में कई स्वास्थ्य केंद्रों (Health centers) का निर्माण रुका हुआ है. बताया गया है कि सभी नये स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कार्य भी बंद हो गया है. हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य परियोजना निदेशक और स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित किया है. साथ ही राज्य के विभिन्न शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद करने को कहा गया है.
15वें वित्त आयोग की राशि से राज्य के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों को शुरू करने के लिए डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट समेत कई कर्मियों की जरूरत है. इस सेक्टर पर राज्य का केंद्र पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि केंद्रीय फंड के अभाव में लोग स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे हैं. उनके मुताबिक कई जिलों में आबादी के अनुपात में स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या कम है. इस समस्या के समाधान के लिए नये स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण और मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों की बुनियादी ढांचे में सुधार करना आवश्यक है.
इसके अलावा, राज्य का केंद्र पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1100 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. फंड रुकने का सीधा असर सेवाओं पर पड़ता है. यहां तक कि रोजमर्रा के सरकारी कामकाज भी नहीं हो पा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य परियोजना निदेशक सुभंजन दास द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, फिलहाल स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के लिए कोई नया ऑर्डर जारी नहीं किया जा सकेगा. इसके साथ ही एक अन्य निर्देश में शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों या राज्य के विभिन्न शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से रोकने के लिए कहा गया है.
दूसरे शब्दों में केंद्रीय भुगतान न होने के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के स्वास्थ्य क्षेत्र को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ये दोनों गाइडलाइंस जारी की गयी है.इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि दो महीने हो गये, पैसा बाकी है. हम अभी भी राज्य की वित्तीय सहायता के साथ चल रही परियोजनाओं को जारी रख रहे हैं. लेकिन नयी परियोजनाओं के मामले में बकाये का भुगतान नहीं होने पर आगे जारी रखना मुश्किल हो रहा है. इसलिए हमें कुछ दिनों तक धीरे-धीरे आगे बढ़ना होगा.