West Bengal Politics: सागरदिघी की जीत से तृणमूल कांग्रेस में हड़कंप, बोले अधीर रंजन

अधीर रंजन ने कहा कि इससे साबित होता है कि लोगों के बीच तृणमूल कांग्रेस की स्वीकार्यता घटी है. लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि लोग तृणमूल व भाजपा से निजात पाना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने वामपंथियों का समर्थन प्राप्त कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2023 12:21 PM
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पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को विचलित कर दिया है. इस जीत से तृणमूल कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. बौखलाहट में वह सागरदिघी मॉडल कहकर लोगों को भ्रमित करना चाहती है. पिछली बार तृणमूल ने बंटवारे की राजनीति कर जीत हासिल की थी. लेकिन, इस बार उसके वोट में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी.

अधीर रंजन ने कहा कि इससे साबित होता है कि लोगों के बीच तृणमूल कांग्रेस की स्वीकार्यता घटी है. लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि लोग तृणमूल व भाजपा से निजात पाना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने वामपंथियों का समर्थन प्राप्त कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताया है. यही वजह है कि मात्र एक सीट पर हारने के बाद तृणमूल बौखला गयी है. इसका खामियाजा पुलिस विभाग को भुगतना पड़ रहा है.

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अधीर रंजन ने कहा कि एक महीने में ही जिले में दो बार एसपी को बदलना पड़ा, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस को अब पुलिस पर भी भरोसा नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि वह वाम-कांग्रेस गठबंधन को बरकरार रखना चाहते हैं, इसलिए पंचायत चुनाव में वह किसी भी तरह का निर्देश नहीं देंगे. चूंकि यह चुनाव पूरी तरह से स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है, इसलिए इस मामले में स्थानीय स्तर के नेता ही निर्णय लेंगे. प्रदेश नेतृत्व हस्तक्षेप नहीं करेगा.

विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक बायरन विश्वास, स्पीकर से मिले

सागरदिघी उपचुनाव जीत कर बायरन विश्वास शनिवार को पहली बार विधानसभा पहुंचे. वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के विजयी प्रतिनिधि के रूप में वह विधानसभा आये और अध्यक्ष बिमान बनर्जी से मिले. वहां कुछ देर बातचीत करने के बाद वह बाहर आ गये. विधायक के रूप में अभी तक उन्होंने शपथ नहीं लिया है. इसलिए सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. शपथ लेने के बारे में बायरन ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की.

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बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैं पहली बार विधानसभा आया हूं. मैंने स्पीकर से बात की. उन्होंने कहा कि मेरे शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन से कोई संदेश या पत्र नहीं आया है. शपथ लेने के बाद मैं विधानसभा में लोगों से किये गये वादों को पूरा करने की मांग करूंगा. उन्होंने कहा कि वाम-कांग्रेस गठबंधन का आज मैं अकेला विधायक हूं, लेकिन बहुत जल्द यह संख्या 100 की होगी.

यह पूछने पर कि यह कैसे होगा? क्या विधायक खरीदेंगे? जवाब में सागरदिघी के विधायक ने कहा कि मैं क्यों खरीदूं? जनता बदलाव चाहती है. कांग्रेस पर भरोसा कर रही है. बायरन विश्वास के साथ प्रदेश कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक असित मित्रा और नेपाल महतो भी विधानसभा पहुंचे थे.

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