आगराः पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल और नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को 1 अप्रैल को हरी झंडी दिखाई. उसके बाद से इस ट्रेन के अब तक करीब 30 शीशे टूट चुके हैं. हालांकि रेलवे ने टेप लगाकर शीशे को सही कर दिया है. लेकिन वंदे भारत को पत्थरबाजों की नजर लग गई है.
आगरा रेल मंडल की पीआरओ का कहना है कि आगरा रेल मंडल में कहीं भी वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटना सामने नहीं आई है. हालांकि भोपाल रेल मंडल के पीआरओ का कहना है कि आगरा से निजामुद्दीन के बीच में सबसे ज्यादा रेल पर हमले होते हैं. जिसकी वजह से उसके कई शीशे टूट चुके हैं.
गुरुवार शाम को वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंची. इस दौरान जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि वंदे भारत ट्रेन के कोच E 2, कोच C3, C4, C5, C6 और C7 में खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे. कई खिड़कियों पर लंबा क्रैक लगा हुआ था तो कुछ टूटी खिड़कियों को सही करने के लिए उन पर टेप लगाया गया था.
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ट्रेन में सफर करने वाले एक यात्री ने बताया कि वंदे भारत जैसी नई ट्रेन में टूटे हुए खिड़की देखकर उन्हें काफी ताज्जुब हो रहा है. कुछ अराजकतत्वों को सिर्फ अराजकता करने से मतलब होता है. ट्रेन में चलने वाले स्टाफ ने बताया कि रास्ते में ट्रेन पर शरारती लोग पत्थर मार कर खिड़की के कांच तोड़ देते हैं.
आगरा से निजामुद्दीन के बीच वंदे भारत का कोई स्टॉपेज नहीं है. इस दौरान ट्रेन कई छोटे स्टेशन से होकर गुजरती है. रेल मंडल भोपाल पीआरओ सूबेदार सिंह ने बताया कि वंदे भारत पर पथराव की अधिकतर घटनाएं दिल्ली से आगरा के बीच में हो रही हैं. अभी तक करीब 16 खिड़कियों को बदलवाया जा चुका है और बाकी 14 को बदलने का काम जारी है.
आगरा रेल मंडल प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि आगरा रेल मंडल क्षेत्र में कहीं भी पथराव की कोई सूचना सामने नहीं आई है. अगर ऐसा कुछ होता है तो संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी.