गोड्डा : नाबालिग बाइक चालक के अभिभावकों पर भी कड़ी कार्रवाई किये जाने की जरूरत
सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए पुलिस प्रशासन को नाबालिग बाइक चालक के अभिभावकों पर भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. संचालन गुंजन कुमार ने किया.
गोड्डा : जिले में लगातार हो रही दुर्घटनाओं की वजह से लोगों का घर उजड़ रहा है. हर सप्ताह एक-दो लोगों की मौत से लोगों के अंदर भय कायम हो गया है. पता नहीं कब किस सड़क पर किसकी दुर्घटना हो जाये. इस मामले पर प्रभात खबर की ओर से महागामा में पाठक संवाद का आयोजन किया गया. ‘सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण’ विषय पर महागामा बाजार पछियारी टोला में आयोजित संवाद में शिक्षक, व्यवसायी, युवा समाजसेवी व बुद्धिजीवियों ने अपनी बातों को रखा. अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी सुशील चौबे ने किया. लोगों का कहना था कि महागामा क्षेत्र में हर दिन सड़क दुर्घटना में लोग घायल हो रहे हैं. सप्ताह में एक से दो लोगों की जान चली जाती है. सड़क दुर्घटना में कई परिवारों का इकलौता चिराग भी हादसे का शिकार हो चुका है. दुर्घटना के बाद बचे लोगों का जीवन कष्टदायक हो जाता है. महागामा क्षेत्र में प्रत्येक महीने सड़क हादसे में लगभग तीन लोगों की जान जा रही है. हादसे का मुख्य कारण तेज गति से वाहन या बाइक चलाना, नशे का प्रयोग कर नाबालिग द्वारा बाइक चलाना, ओवरटेक, सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी के अभाव के कारण सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए पुलिस प्रशासन को नाबालिग बाइक चालक के अभिभावकों पर भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. संचालन गुंजन कुमार ने किया.
लाेगों ने दी प्रतिक्रिया
नाबालिग का तेज रफ्तार में बाइक चलाना भी अक्सर सड़क दुर्घटना का कारण बन रहा है. प्रशासन को नाबालिग बाइक चालकों के अभिभावकों पर भी सख्ती बरतने की आवश्यकता है, सड़क सुरक्षा नियम की जानकारी नहीं होना भी दुर्घटना का कारण है.
– सुबोध टिवड़ेवाल, समाजसेवी
परिवहन विभाग को स्कूल-कॉलेज सहित सार्वजनिक जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए. बाइक पर मानक के अनुरूप सवारी करने के नियम को सख्ती से पालन कराने की आवश्यकता है. साथ ही हर हाल में वाहन पर दो लोगों को ही चलना चाहिए.
–सुशील चौबे, समाजसेवी
सड़क दुर्घटना से बचने के लिए अभिभावकों को भी अपने बच्चों के प्रति सक्रियता रखनी चाहिए. वाहन चालक अपने वाहन का उपयोग निर्धारित गति से करें. वाहन चलाते समय ओवरटेक से बचना चाहिए. अगर जीवन सुरक्षित रहा, तो जीवन भर वाहन चला सकेंगे.
–ओमप्रकाश टिवड़ेवाल, व्यवसायी
हेलमेट के साथ जूता पहनकर ही लोगों को वाहन चलाने की इजाजत हो. साथ ही नशा करके वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस को सख्ती के साथ कठोर कार्रवाई करने की जरूरत पर काम करना चाहिए. ड्राइविंग लाइसेंस की नियमित जांच भी जरूरी है.
—गोपाल भगत, समाजसेवी
स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा से संबंधित विषय होनी चाहिए. हेलमेट प्रशासन से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए पहनने की सीख देना आवश्यक है. पुलिस भी मामले पर पूरी तरह से काम करें ना कि खानापूर्ति तक सीमित रहें.
–शिवनारायण भगत, समाजसेवी
वाहन का प्रयोग आवागमन के लिए जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए, ना कि मनोरंजन व स्टंट करने के लिए. आज कल नाबालिग सड़क पर वाहन लेकर गलत तरीके से चलाकर सामने वाले को ठोकर मार देते हैं. ऐसे हालत में लोगों की जान तक चली जाती है.
–चंदन कुमार भगत, युवा समाजसेवी
नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों पर प्रशासन को कड़ी करनी चाहिए. साथ ही लापरवाह लोगों के वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करना चाहिए. विद्यार्थियों का बाइक लेकर शैक्षणिक संस्थान जाने पर अभिभावकों को रोक लगाने की आवश्यकता है.
–संजीव झा, शिक्षक
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