Bihar News: बेतिया GMCH में झड़प के बाद 30 घंटे से सेवा ठप्प, इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे मरीज
बेतिया के GMCH में स्टाफ नर्स और इंटर्न मेडिकल छात्रों के बीच हुई झड़प के कारण 30 घंटे से अस्पताल का काम ठप्प है. इस दौरान इलाज के अभाव में नवजात सहित दो ने दम तोड़ दिया.
बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा लिखने के विवाद को लेकर इंटर्न व नर्सिंग स्टाफ के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद 30 घंटे से इलाज ठप है. गुरुवार को देर रात साठी थाना के कटहरी निवासी अनिल सिंह (55) की मौत हो गयी. पीडिया वार्ड में वार्मर में रखे नौतन के विरेंद्र बैठा के नवजात शिशु की भी मौत हो गयी. वह नौतन पीएचसी से गुरुवार को सुबह रेफर होकर जीएमसीएच में आया था. आइसीयू वार्ड, मेल वार्ड, प्रसव वार्ड व बर्न वार्ड में भर्ती मरीज व उनके स्वजन बेहाल हैं.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नर्सिंग स्टाफ
नर्सिंग स्टाफ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल में आपात सेवा पूरी तरह चरमरा गयी है. शुक्रवार को सुबह से ही विभिन्न वार्डों में भर्ती दर्जन भर मरीजों को स्वजन निजी अस्पताल में ले जाते देख गए. अस्पताल प्रशासन व प्रशासन की लाख कोशिश के बावजूद भी इलाज की व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी. पूरे दिन मरीजों व उनके स्वजनों के बीच त्राहिमाम की स्थिति बनी रही. अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सकों को सेवा में लगाकर व्यवस्था सुचारु करने का प्रयास करते रहे. व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट सकी.
जानें क्यों भिड़े इंटर्न और स्टाफ नर्स
बता दें कि गुरुवार को सुबह 11 बजे इंटर्न और स्टाफ नर्स के बीच मरीज को दवा देने को लेकर कहासुनी हुई. मामला तूल पकड़ लिया और यह हिंसक झड़प में तब्दील हो गया. कुछ ही समय में अस्पताल रणक्षेत्र बन गया. इंटर्न और स्टाफ नर्स एक दूसरे को मारने को उतारू हो गए. अस्पताल में भगदड़ मच गयी. पुलिस भी पहुंची, लेकिन मामला शांत नहीं हो सका. बाद में एसडीपीओ और सदर एसडीओ ने अस्पताल पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण किया.
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कार्रवाई की मांग कर धरना पर बैठे स्टाफ नर्स
नाराज स्टाफ नर्स इंटर्न पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे. धरना पर बैठ गए और इलाज को ठप कर दिया. गुरुवार को शुरू हुआ यह विवाद शुक्रवार को शांत नहीं हो सका. अस्पताल अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार तिवारी, उपाधीक्षक डॉ श्रीकांत दुबे पूरे दिन स्टाफ नर्स को समझाते रहे. दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन स्टाफ नर्सों ने एक नहीं सुनी. अपनी मांग पर डटे रहे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan