25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

PHOTOS : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य

बिरसा मुंडा जयंती स्पेशल : 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है. ऐसे में हम आपको बताएंगे बिरसा मुंडा से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में जिसे आप शायद जानते ही नहीं होंगे...

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 11

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी के उलिहातू में हुआ था, जो आज झारखंड के खूंटी जिले में पड़ता है, और मुंडा परंपरा के अनुसार उनका नाम उसी तिथि के आधार पर रखा गया.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 12

बिरसा मुंडा ईसाई मिशनरियों से घिरे हुए बड़े हुए. एक बार उनके शिक्षक ने उन्हें जर्मन मिशन स्कूल में शामिल होने का सुझाव दिया, जिससे मुंडा को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा. धर्म परिवर्तन के बाद उनका नाम बिरसा डेविड और फिर बिरसा दाउद रखा गया.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 13

1886 और 1890 के बीच, बिरसा मुंडा ने चाईबासा में बहुत समय बिताया, जो अब झारखंड में पड़ता है.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 14

1886 और 1890 के बीच चाईबासा में, बिरसा मुंडा ने मिशनरी-विरोधी और सत्ता-विरोधी गतिविधियों में भाग लिया और ब्रिटिश अत्याचारों के प्रति जागरूकता विकसित होने पर ‘उलगुलान’ या ‘द ग्रेट टुमल्ट’ नामक एक आंदोलन की स्थापना की.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 15

1882 में अंग्रेज़ों ने ‘इंडियन फॉरेस्ट एक्ट’ लागू किया और आदिवासियों को ज़मीन के लिए जंगल से बेदखल करना शुरू किया. इसके प्रतिरोध के लिए 1898 में बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को संगठित आंदोलन के लिए डोम्बार पहाड़ियों पर मुं‍डाओं की विशाल जनसभा की थी.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 16

24 दिसम्बर 1899 को बिरसा पंथियों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ प्रसिद्ध मुंडा विद्रोह छेड़ दिया और हथियार उठा लिए.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 17

5 जनवरी 1900 तक पूरे मुंडा अंचल में विद्रोह की चिंगारियां फैल गई और ब्रिटिश फौज ने आंदोलन का दमन शुरू कर दिया. 9 जनवरी 1900 को अंग्रेज़ों की सेना ने उन्हें डोम्बार पहा‍ड़ी पर घेर लिया और एक घमासान युद्ध की शुरुआत हुई, परन्तु गोला बारूद के आगे तीर-कमान कितना प्रतिरोध कर पाता और अंत में वीरता से लड़ते हुए बिरसा मुंडा के साथी बड़ी संख्या में शहीद हुए.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 18

बिरसा मुंडा के संघर्षों की वजह से ही छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट, 1908 (सीएनटी) झारखंड क्षेत्र में लागू हुआ, जो आज भी बरकरार है. यह एक्ट आदिवासी भूमि को गैर आदिवासियों में हस्तांतरित करने पर प्रतिबंध लगाता है और साथ ही आदिवासियों के मूल अधिकारों की रक्षा करता है.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 19

3 मार्च, 1900 को उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने पकड़ लिया और उसी वर्ष 9 जून को रांची में उनकी मृत्यु हो गई. उस समय वह केवल 25 वर्ष के थे. युवा आदिवासी क्रांतिकारी का जीवन और विरासत आज भी स्मरण किया जाता है, विशेष रूप से बिहार, झारखंड और यहां तक कि कर्नाटक और ओडिशा के कुछ हिस्सों के आदिवासी क्षेत्रों में.

Undefined
Photos : बिरसा मुंडा की संघर्षमयी कहानी, जो अभी तक नहीं हुई पुरानी, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य 20

झारखंड में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची, बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिंदरी, बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, बिरसा कॉलेज खूंटी, बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम और यहां तक कि बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल सभी का नाम उनके नाम पर रखा गया है.

Also Read: झारखंड राज्य स्थापना दिवस : काशी साहू कॉलेज में होगा कार्यक्रण, मंत्री चंपई होंगे शामिल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें