बंगाल : छात्रों के प्यारे शिक्षक सोमनाथ का आमतालिया से तबादला, विरोध में Parents ने स्कूल में जड़ा ताला
झारखंड-बंगाल के सीमावर्ती आमतालिया प्राइमरी स्कूल के एक शिक्षक सोमनाथ महतो के तबादले का छात्र समेत उनके अभिभावकों ने विरोध किया. गुस्साए अभिभावकों ने जहां स्कूल में ताला जड़ दिये, वहीं स्कूल के अन्य शिक्षकों को भी जाने से रोक दिया. अभिभावक शिक्षक सोमनाथ के तबादले को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.
Jharkhand News: झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती झाड़ग्राम जिला के आमतालिया प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक और छात्रों के अटूट बंधन को देखने को मिला. आमतालिया प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सोमनाथ महतो का ट्रांसफर हाेगा. इसी जानकारी मिलते ही गुरुवार को छात्र सहित उनके अभिभावक काफी संख्या में स्कूल पहुंचे और ट्रांसफर का विरोध जताते हुए स्कूल में ताला जड़ दिया. इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि जब तक ट्रांसफर को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक स्कूल बंद रहेगा.
क्या है मामला
पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिला अंतर्गत जामबनी थाना क्षेत्र स्थित आमतोलिया प्राइमरी स्कूल के शिक्षक सोमनाथ महतो का तबादला हो गया. यह स्कूल झारखंड के चाकुलिया स्थित सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ता है. शिक्षक सोमनाथ महतो के तबादले की जानकारी मिलते ही गुरुवार को विद्यालय परिसर में बच्चों और उनके अभिभावकों की भीड़ जुट गयी. विद्यालय में भीड़ जुटने से सभी आश्चर्यचकित थे. सभी अभिभावक इस तबादले को निरस्त करने की मांग करने लगे. इसके विरोध में अभिभावक स्कूल में ताला लगाकर हाथों में तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे.
अभिभावकों ने तबादले का किया विरोध
अभिभावकों ने बताया कि वर्ष 2017 से इस विद्यालय में सोमनाथ महतो शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं. अपने कर्तव्य निष्ठा और बच्चों से अपार प्रेम के कारण गांव के लोग उन्हें दिल से चाहने लगे हैं. अचानक शिक्षक सोमनाथ महतो के तबादले का आदेश निकल गया. गुरुवार को शिक्षक सोमनाथ महतो अपनी विदाई लेने के लिए विद्यालय पहुंचे थे. जैसे ही अभिभावकों और बच्चों को इसकी जानकारी मिली. लोग विद्यालय परिसर में जुट गए. विद्यालय के दरवाजे में तालाबंदी कर दी गयी. शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को दूरभाष पर बता दिया गया कि जब तक शिक्षक सोमनाथ महतो के तबादले के आदेश को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक विद्यालय बंद रहेगा. इसके अलावे विद्यालय में कार्यरत सभी चार शिक्षकों को विद्यालय से जाने नहीं देंगे.
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अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय में कुल तीन सरकारी शिक्षक एवं एक पारा शिक्षक पदस्थापित हैं. सोमनाथ महतो के अलावा किसी भी शिक्षक की तबादला होगी तो उसका विरोध नहीं करेंगे. लेकिन, सोमनाथ महतो को किसी भी हाल में स्कूल से जाने नहीं देंगे. बताया कि यदि सोमनाथ महतो विद्यालय से चले गये, तो विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति काफी कम हो जाएगी.
जिस स्कूल में शिक्षक नहीं वहां हुआ तबादला
विद्यालय के प्राधानाचार्य सुकांत मांडी ने बताया कि आमतोलिया प्राथमिक विद्यालय में नर्सरी से चौथी कक्षा तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में 35 बच्चे नामांकित है. नियम के मुताबिक, प्राइमरी स्कूल में 30 बच्चों पर एक ही शिक्षक होना चाहिए. अधिक शिक्षक होने के कारण जिस स्कूल में शिक्षक की कमी है वहां शिक्षक सोमनाथ महतो का तबादला किया गया है. जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.
शिक्षक सोमनाथ की लोकप्रियता का यह है कारण
अभिभावकों ने बताया कि शिक्षक सोमनाथ महतो काफी समर्पित शिक्षक है. स्कूल 10.40 बजे सुबह से 4.00 बजे शाम तक चलता है. लेकिन, सोमनाथ महतो सुबह सात बजे ही स्कूल पहुंच जाते हैं तथा शाम को छह बजे तक स्कूल में रहकर बच्चों को शैक्षणिक गतिविधि के साथ-साथ अन्य क्रियाकलाप करवाते हैं. कोरोना महामारी के दौरान शिक्षक सोमनाथ महतो ने समर्पण का बेमिसाल उदाहरण पेश किया था. कोरोना काल में जब लोग अपने घरों से नहीं निकलते थे, उस दौरान भी शिक्षक सोमनाथ हर दिन सुबह छह बजे ही गांव पहुंच जाते थे तथा शाम छह बजे तक बच्चों को पढ़ाने में जुटे रहते हैं. प्रतिदिन समय से पहले स्कूल आकर बच्चे यदि स्कूल नहीं पहुंचते, तो उन्हें घर, तालाब, खेत और खेल के मैदान से पकड़ कर समझा-बुझाकर स्कूल ले आते. गांव के सभी अभिभावक मजदूर वर्ग के हैं. जो हर दिन सुबह से शाम तक मजदूरी करने के लिए घर से बाहर रहते हैं. समर्पित शिक्षक सोमनाथ महतो के कारण बच्चों के प्रति वे काफी निश्चिंत रहते हैं. उनका कहना है कि यदि सोमनाथ चले गए तो बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा.
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देर शाम तक जब अभिभावकों ने स्कूल में तालाबंदी कर शिक्षकों को रोके रखा. तब जामबनी थाना की पुलिस पदाधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. अभिभावकों को समझाया. शिक्षा विभाग के चेयरमैन से दूरभाष पर बात की. उन्होंने आश्वस्त किया कि शिक्षक के तबादले को निरस्त कर दिया जाएगा. जिसके बाद अभिभावक माने और अन्य शिक्षकों को घर जाने दिया.
रिपोर्ट : राकेश सिंह, चाकुलिया, पूर्वी सिंहभूम.