अव्यवस्था को लेकर गढ़वा कृषि कॉलेज के विद्यार्थियों ने की तालाबंदी, दिनभर क्लास का किया बहिष्कार

गढ़वा के कृषि कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में छात्रों ने तालाबंदी की. वहीं, दिनभर छात्रों ने क्लास का बहिष्कार किया है. कॉलेज प्रशासन की ओर से समस्याओं के निदान का आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने आंदोलन खत्म किया.

By Samir Ranjan | October 14, 2022 6:47 PM
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Jharkhand News: कृषि कॉलेज, गढ़वा में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने शुक्रवार को पेयजल सहित अन्य अव्यवस्थाओं से नाराज होकर कॉलेज के प्रशासनिक भवन में तालाबंदी कर दिया. साथ ही दिनभर के लिए क्लास का बहिष्कार भी कर दिया. इस कारण कॉलेज में सभी प्रकार के कार्य ठप्प रहे. विद्यार्थी इतने आक्रोशित थे कि किसी भी प्राध्यापक एवं कर्मचारी को प्रशासनिक भवन के अंदर जाने तक नहीं दिया. तालाबंदी के बाद विद्यार्थी प्रशासनिक भवन के बाहर बैठकर अपनी मांगों के समर्थन में घंटो नारे लगाए. दोपहर बाद कॉलेज प्रशासन ने समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया, इसके बाद आंदोलन खत्म हुआ.

हॉस्टल में पानी के लाले

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय स्थित कृषि महाविद्यालय (Agricultural College)  के सत्र 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 के करीब 140 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और यहीं के हॉस्टल में रहते भी हैं. विद्यार्थियों का आरोप है कि इस कॉलेज के ब्यायज एवं गर्ल्स हॉस्टल में पिछले एक माह से आरओ खराब पड़ा हुआ है. इससे स्वच्छ पेयजल के लिए उन्हें बाजार से पानी खरीदना पड़ रहा है, लेकिन कभी भी प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है. विवश होकर उन्हें आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है.

कृषि कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

विद्यार्थियों ने कहा कि बिजली गुल होने पर उन्हें अंधेरे में रहना पड़ता है. उनके हॉस्टल में इंवर्टर-बैटरी की सुविधा भी नहीं है. कॉलेज तक पहुंचने के लिए जो कच्ची सड़क है, उसमें हल्की वर्षा होने पर पूरा सड़क कीचड़युक्त हो जाता है.  कृषि कॉलेज होने के बावजूद यहां पर कोई फार्म नहीं है और न ही खेलने के लिए कोई मैदान. कॉलेज के पास अपनी कोई बस सुविधा भी नहीं है. एक एंबुलेंस है, लेकिन उसके लिए स्थायी चालाक की व्यवस्था नहीं है. किसी भी आपातकालीन स्थिति में कॉलेज कैंपस में रहनेवाले विद्यार्थियों को कोई देखने और पूछने वाला भी नहीं है.

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कॉलेज का मुख्य भवन नहीं

विद्यार्थियों ने कहा कि साल 2020 से लेकर अबतक कॉलेज के एसोसिएट डीन डॉ एसके पाल गायब हैं. कॉलेज में शिक्षण कार्य शुरू होने के बाद अभी तक कुलपति भी नहीं आये हैं. कॉलेज का मुख्य भवन नहीं बन पाया है. इससे उन्हें प्रयोगशाला से वंचित होना पड़ रहा है. कॉलेज में प्राध्यापक के 64 पद स्वीकृत है, लेकिन यहां मात्र चार-पांच प्रोफेसर ही हैं.

RO दुरूस्त करा दिया गया है : असिस्टेंट रजिस्टार

इस संबंध में असिस्टेंट रजिस्टार डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरओ को दुरुस्त करा दिया गया है. साथ ही विद्यार्थियों की मांगों के अनुरूप उप कुलपति और डीन के साथ उनकी बैठक करायी जायेगी. अब कोई समस्या नहीं है.

रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.

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