Varanasi News: देश में आए दिन चाइनीज प्रतिबंधित मांझे की चपेट में आने से लोगों के गले कटने और अन्य हादसों की खबरे सामने आती रहती हैं. इसके बावजूद भी प्रतिबंधित मांझा चोरी-छिपे बेधड़क बाजार में बिक रहा. मकर संक्रांति पर्व के आगमन के साथ ही पतंगें आसमान में नजर आने लगती है. इससे पहले चाइनीज मंझा की बिक्री पर रोक के लिए सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस क्लब के सदस्यों ने प्रशासन से मांग की है.
सुबह-ए- बनारस क्लब के बैनर तले सोमवार को अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, डॉ. अशोक कुमार राय, महासचिव राजन सोनी और प्रधानाचार्य शशि प्रकाश गौतम, प्रतिबंधित मांझे को बंद करने की मांग के साथ सड़कों पर निकल पड़े. उसके साथ छात्र भी मौजूद थे, क्लब के लोगों ने प्रतिबंधित चाइनीज मंझा से पतंग ना उड़ाने की अपील के साथ एक जन जागरूकता अभियान चलाया.
संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि, कोर्ट द्वारा रोक के आदेश के बावजूद प्रतिबंधित मांझा बाजार में बिक रहा है. इससे इंसानों के साथ बेजुबान पशु-पक्षियों के ऊपर हर वक्त खरता मंडराता रहता है. कई अनगिनत घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें मासूम बच्चे, युवक और वृद्ध की मौते हो चुकी हैं. घायलों की तो गिनती ही नहीं है. इसके बावजूद प्रतिबंधित मांझे की बिक्री को लेकर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.
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बीते 2 माह पूर्व चेतगंज थाना अंतर्गत चौकाघाट फ्लाईओवर पर मांझे की चपेट में आने से बाईक सवार आकाश शुक्ला की मौत हो गई थी. इस तरह की कई घटनाएं हैं, जिसमें किसी की गला कटने से मौत तो घायल लोगों की संख्या अनगिनत है. कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं, और हो रहे हैं, लोगों ने जिला प्रशासन से जानलेवा प्रतिबंधित चाइनीज मांझा बेच रहे लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह