Dhanbad News: धनबाद के निरसा प्रखंड के अंतर्गत सिनेमा हॉल राजा कोलियरी रोड स्थित विद्यासागर कॉलोनी निवासी शिक्षक पवन कुमार सिंह के छोटे पुत्र बैंक कर्मी शुभम कुमार कश्यप सोमवार को रात 9 बजे कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) की हॉट सीट में बैठेंगे. शुभम की इस ऐतिहासिक सफलता से पूरे निरसा में जश्न का माहौल बना हुआ है. शुभम के पिता पवन कुमार सिंह जामताड़ा जिला के अंतर्गत देवलबाड़ी स्थित मध्य विद्यालय में सरकारी शिक्षक हैं. माता रंजू देवी गृहणी है.
शुभम पश्चिम बंगाल के नदिया जिला स्थित कृष्णानगर में पंजाब नेशनल बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. पवन कुमार सिंह के दो पुत्र एवं एक पुत्री है. बड़ा पुत्र चिरंजीव कुमार ब्राजील में इंजीनियर है. छोटा पुत्र शुभम कुमार कश्यप सहायक प्रबंधक. शुभम की स्कूली शिक्षा निरसा से ही हुई है. वर्ष 2020 में आईबीपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें पंजाब नेशनल बैंक में नौकरी मिली.
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शुभम इसके पहले दो बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सम्मानित हो चुके हैं. वर्ष 2018 में भारत सरकार के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में उन्हें सम्मानित किया गया था. नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य के द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में मेधावी शुभम की इच्छा आईएएस अधिकारी बनने की थी.
बचपन से ही कौन बनेगा करोड़पति देखते थे शुभम
शुभम के माता-पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही कौन बनेगा करोड़पति देखता था. अपने माता-पिता से अक्सर कहता था कि एक दिन वह अवश्य केबीसी की हॉट सीट पर बैठेगा. पिछले दिनों वह कौन बनेगा करोड़पति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हुए. सही समय 40 सेकेंड के अंदर एवं केबीसी की विभिन्न प्रतियोगिताओं में वह सफल होते चले गये. 10 अक्टूबर को शुभम अपने माता-पिता के साथ मुंबई गये थे.
शुभम के माता-पिता निरसा लौट आये हैं. शुभम आज हॉट सीट पर बैठेगा. शुभम के परिवार के लिए यह किसी जश्न से कम नहीं है. पूरे निरसा में उत्साह का माहौल है. निरसा प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष एवं निरसा उत्तर पंचायत के मुखिया दिनेश सिंह सहित अन्य उनके घर पहुंचकर शुभम की इस सफलता के लिए उनके माता-पिता को बधाई दी.
शुभम के पिता पवन सिंह एवं माता रंजू देवी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि बचपन से ही शुभम आज्ञाकारी, मेधावी एवं अनुशासित है. अगर किसी चीज के बारे में जानने की सोच लेता, तो अपनी जिज्ञासा शांत किये बगैर नहीं मानता. किताबें पढ़ना और अधिक से अधिक जानकारी हासिल करना उसकी हॉबी है. शुभम के माता-पिता ने कहा कि बच्चे की सफलता से वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. समाज को संदेश दिया कि आधा पेट खाकर भी बच्चों को शिक्षित करें. शिक्षा से ही गरीबी एवं अशिक्षा को दूर कर सकते हैं. लॉकडाउन में शुभम ने पंजाब नेशनल बैंक निरसा शाखा में भी कुछ दिन काम किया था. इस शाखा के कर्मी आज बैंक के समीप ही प्रोजेक्टर पर कौन बनेगा करोड़पति देखेंगे.
रिपोर्ट- अरिंदम, निरसा, धनबाद