Subhash Chandra Bose Jayanti 2022: कोयलांचल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जहां अंतिम बार रुके थे, वह कभी भी ओपेन कास्ट में तब्दील हो सकता है. यहां आउटसोर्सिंग कंपनी की तरफ से कोयला खनन किया जा रहा है. स्मारक स्थल से अब कोयला खनन की दूरी महज 100 फीट रह गयी है. दूसरी तरफ, BCCL प्रबंधन की तरफ से नेताजी स्मारक स्थल को करकेंद्र स्टेशन से सटे गांधीग्राम में शिफ्ट किये जाने की तैयारी चल रही है.
नेताजी की जन्म शताब्दी पर यहां बीसीसीएल की तरफ से 50 लाख रुपये से अधिक खर्च कर पार्क, झरना आदि बनाया गया था. आज यह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है. अब जयंती के अवसर पर बने हैरिटेज कॉटेज की रंगाई-पुलाई कर रस्म अदायगी होती है.
नेताजी स्मारक स्थल को कई बार धनबाद नगर निगम की तरफ से विकसित करने की कोशिश हुई. सूत्रों के अनुसार, इसके लिए बीसीएल प्रबंधन से एनओसी की मांग की गयी, लेकिन बीसीसीएल से एनओसी नहीं मिलने के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब जो स्थितियां बन रही है उसमें अब इसके विकसित होने की संभावनाएं नहीं के बराबर रह गयी है.
Also Read: Subhash Chandra Bose Jayanti:नेताजी सुभाष चंद्र बोस जब भतीजे व बहू के साथ पहुंचे थे झारखंड के गोमो स्टेशन
बीसीसीएल पुटकी बलिहारी क्षेत्र के बीच बलिहारी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अक्सर आते थे. धनबाद जिला मुख्यालय से करीब 8.2 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थान पर नेताजी के भतीजे अशोक बोस जो केमिकल इंजीनियर थे, का आवास था. अंतिम बार नेताजी यहां 16 जनवरी, 1941 को कोलकाता से पठान के वेश में वाया बराकर और कुल्टी होते हुए धनबाद पहुंचे थे.
रात्रि विश्राम के बाद 17 जनवरी को यहां से वाया गोमो-पठानकोट के लिए रवाना हुए थे. यहां पर उनका एक और भतीजा शिशिर बोस एवं बहू भी साथ में थे. जिस कॉटेज में नेताजी के भतीजे अशोक बोस रहते थे, उसे अंग्रेस शासन ने ही आजादी से पहले ही ध्वस्त करा दिया था. लेकिन, वर्ष 1998-99 में बीसीसीएल प्रबंधन ने इस ऐतिहासिक स्थल का पुनरुद्धार कराया. यहां एक कमरा का एक कॉटेज बनाया गया था. बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी टीके लाहिड़ी ने इसका उद्घाटन किया था.
रिपोर्ट : संजीव झा, धनबाद.