झारखंड : जामताड़ा में हेमंत सरकार के खिलाफ गरजे सुदेश महतो, बोले- ग्राम प्रधानों से नहीं मिलते बीडीओ-सीओ

जामताड़ा के नारायणपुर स्थित डाकबंगला मैदान में आजसू पार्टी की ओर से आयोजित आदिवासी महासम्मेलन में पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो हेमंत सरकार पर जमकर बरसे‍. कहा कि इस राज्य में अफसरवाद हावी है. राज्य के बीडीओ-सीओ ग्राम प्रधान से मिलना मुनासिब नहीं समझते, तो समझिए अन्य लोगों का क्या हाल है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2023 5:03 AM
an image

Jharkhand News: जामताड़ा जिले के नारायणपुर डाक बंगला मैदान में आजसू पार्टी की ओर से आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मुख्य रूप से आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, आजसू नेता देवशरण भगत, अर्जुन बैठा, आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव तरुण कुमार गुप्ता शामिल हुए. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों एवं सरकारी स्कूलों में महज औपचारिकता हो रही है. जहां सरकारी अस्पतालों के बड़े-बड़े भवन तो खड़े हैं, लेकिन चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी नहीं हैं. वहीं, स्कूलों में केवल रंग-रोगन हो रहा है, शिक्षकों का घोर अभाव है.

हेमंत सरकार में अफसरवाद हावी

आजसू सुप्रीमो ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है. सरकार नहीं चाहती है कि लोग स्वस्थ रहें और शिक्षित रहें. किसी राज्य के नागरिक स्वस्थ और शिक्षित होते हैं तो वे अपने हक और अधिकार के लिए लड़ते हैं, जो सरकार नहीं चाह रही है. सरकार जल, जंगल जमीन के रक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित रख रही है. कहा कि हेमंत सरकार में अफसरवाद हावी है. ग्राम प्रधान जो अपने गांव का प्रतिनिधित्व करते हैं, अगर उन्हें बीडीओ-सीओ से मिलने की जरूरत हो, तो ब्लॉक में कार्यरत चपरासी मिलने से रोक देते हैं. आप सहज अनुमान लगाइए कि इस राज्य में आम लोगों का क्या अधिकार है? जब चुने हुए जनप्रतिनिधि को बीडीओ-सीओ से मिलने के लिए चपरासी रोक सकता है, तो आम जनों का राज्य में क्या हाल होगा, इसका अनुमान लगा सकते हैं.

नियोजन नीति के नाम पर केवल गुमराह किया जा रहा

उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान भी अपने गांव का प्रतिनिधित्व करते हैं. फिर उन्हें अन्य जनप्रतिनिधियों की तरह सम्मान क्यों नहीं दिया जा रहा है? हमें अपने सम्मान और अधिकार के लिए लड़ना होगा. इस सरकार के तीन साल बीत गए, लेकिन आज भी लोगों को अपने अधिकार के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. आज भी यहां के मूलवासी, आदिवासी को अपने अधिकार के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है. चारों ओर सरकार के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. नियोजन नीति के नाम पर केवल गुमराह किया जा रहा है.

Also Read: तीन साल बाद पलामू टाइगर रिजर्व में दिखा बाघ, डिप्टी डायरेक्टर ने खुद खींची तस्वीर, बढ़ी चौकसी

मेरा बाप लाल कार्ड, हम भी लाल कार्ड और मेरा बेटा भी लालकार्ड होगा, यही चल रहा है राज्य में

सरकार की विकास नीतियों को आड़े हाथ लेते हुए सुदेश महतो ने कहा कि इस सरकार में मेरा बाप लाल कार्ड, हम भी लाल कार्ड और मेरा बेटा भी लाल कार्ड यही नीति चल रही है. किसी का विकास नहीं हो रहा है. एक से पांच तक खिचड़ी खिलाओ स्कूल और उसके बाद बिना ज्ञान के डिग्री लेकर घर जाओ, यही व्यवस्था चल रही है. रोजगार के नाम पर गांव में मनरेगा को छोड़कर कौन-सा काम चल रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है. प्रतिदिन युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं. कहा कि सीएम हेमंत सोरेन गांव के बेटा को गांव के ही बेरोजगार युवक बना के रखने का काम कर रहे हैं.

सरकार की गलत नीतियों के विरोध में करना होगा जोरदार आंदोलन

सुदेश महतो ने कहा कि जब हेमंत सोरेन की सरकार बनी, तो लोगों से यह वादा करके आयी कि सरकार बनते ही 25 करोड़ रुपये तक का टेंडर ग्रामीण युवाओं को दिया जाएगा. 25 करोड़ की तो बात छोड़िए, प्रखंड स्तर पर जो वेंडर का काम होता है, उसमें एक भी आदिवासी नहीं है. कहा कि जब अंग्रेजों के साथ आदिवासियों की लड़ाई हुई थी तो इतिहास गवाह है कि आदिवासियों ने कभी पीठ पर गोली नहीं खायी. हमें इस दमनकारी सरकार के विरुद्ध जोरदार तरीके से आंदोलन करने की जरूरत है. कार्यक्रम में आजसू नेता देवशरण भगत, अर्जुन बैठा, तरुण गुप्ता समेत अन्य ने भी संबोधित किया. मौके पर आजसू जिलाध्यक्ष राजेश महतो, सीतामुनि सोरेन, निमाई सेन, इमामुद्दीन अंसारी, वासुदेव गोस्वामी समेत अन्य लोग मौजूद थे.

Exit mobile version