Dhanbad News: शिक्षिका से अपमानित होने के बाद धनबाद सेंट जेवियर्स स्कूल तेतुलमारी की 10वीं की एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतका तेतुलमारी थाना क्षेत्र की हनुमानगढ़ी कॉलोनी के स्व. विजय बाउरी की 17 वर्षीया पुत्री उषा कुमारी थी. उसने सोमवार की सुबह अपने आवास में दुपट्टे के सहारे फांसी लगायी. आरोप है कि विद्यालय परिसर में शिक्षिका सिंधु ने उषा को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारा और उसे स्कूल से निकाल दिया. अपमानित होने पर छात्रा ने यह कदम उठाया. उसने स्कूल यूनिफॉर्म में ही फांसी लगा ली. सूचना पाकर तेतुलमारी थानेदार आशीष कुमार यादव मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया. पुलिस ने मृतका की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद किया है.
उषा की मां वंदना देवी ने पुलिस को बताया है कि सोमवार को उषा स्कूल गयी थी. उसके बेटे ने बताया कि दीदी के स्कूल से फोन आया है. उनलोगों को बुलाया जा रहा है. जब मां स्कूल गयी तो प्रिंसिपल ने कहा कि उनकी बेटी बहुत बदतमीज है और उसी समय स्कूल से उसे निकाल दिया. इसके बाद वे घर आ गये. कुछ देर बाद उषा ने कमरे में फांसी लगा ली. इधर, वंदना देवी की शिकायत पर तेतुलमारी पुलिस ने देर रात स्कूल के प्रिंसिपल आरके सिंह व शिक्षिका सिंधु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली. थानेदार आशीष कुमार यादव ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है. मेडिकल बोर्ड गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा.
छात्रा ने आत्महत्या से पूर्व तेतुलमारी थाना प्रभारी के नाम एक सुसाइड नोट लिखा. इसमें लिखा है- ‘मैं उषा कुमारी पिता स्व. विजय बाउरी तेतुलमारी हनुमानगढ़ी की रहनेवाली हूं. मेरे पिता नहीं हैं. मैं कक्षा 10वीं की छात्रा हूं. आज स्कूल में एक शिक्षिका ने सबके सामने थप्पड़ मारा. पूरे स्कूल के सामने मुझे बेइज्जत कर बाहर करवा दिया. मैं इस बेइज्जती को नहीं सह पा रही हूं, जिस कारण मैं खुदकुशी कर रही हूं. शिक्षिका का नाम सिंधु मैडम है. प्रधानाध्यापक का नाम आरके सिंह है. मेरी खुदकुशी करने की वजह सर और सिंधु मिस हैं. मेरा आपसे निवेदन है कि मेरी इस समस्या पर गौर करें और मेरे मरने के बाद सिंधु मैडम पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाये.’
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छात्रा सोमवार को स्कूल आयी थी. एसेंबली के दौरान उसने कुछ बदमाशी की थी. इस पर शिक्षिका सिंधु ने उसे समझाया था, जिस पर छात्रा ने उलट कर जवाब देते हुए कहा कि आप जूनियर क्लास की शिक्षिका हो. थप्पड़ मारने तथा स्कूल से निकाले जाने की बात गलत है. छात्रा की मां को सूचना दी गयी, तो वह छात्रा को एसेंबली के बाद अपने घर ले गयीं. छात्रा की एक बहन तथा एक भाई भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं.
मैं कक्षा 3 से 6 की शिक्षिका हूं, जबकि छात्रा 10वीं में थी. मैं उसे न जानती और न पहचानती हूं, क्योंकि उसकी क्लास में कभी गयी ही नहीं. सोमवार को छात्रा लाइब्रेरी की बगल के कमरे में रो रही थी, तो मैंने रोने का कारण जानना चाहा. उसने बताया कि कुछ घरेलू परेशानी है. मैंने छात्रा को बिंदी लगाकर स्कूल आने से मना किया तो छात्रा ने मुझे ही अपशब्द कहा. उसने कहा कि इस तरह का बोलने हक आपको नहीं बनता है. मैंने प्रिंसिपल को मामले से अवगत कराया और क्लास में चली गयी. थप्पड़ मारने का आरोप निराधार है.
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