कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हाथों गिरफ्तार बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अनुब्रत की बेटी सुकन्या मंडल ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालत में कम से कम छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देने की याचिका दायर की. दोनों पक्ष की बातों को सुनने के बाद न्यायाधीश रघुवीर सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई अगले 12 जुलाई तक के लिए टाल दी. अदालत सुत्रों के मुताबिक सुकन्या के वकील ने सोमवार को कोर्ट में बताया कि उनकी मुवक्किल अब दिवालिया हो गयी हैं. उनके पास एक रुपये भी शेष नहीं बचे हैं. वह आगे का केस कैसे लड़ेंगी. उनकी मां की मृत्यु हो गई है. उनके पिता भी जेल में कैद हैं. ऐसे में केस लड़ना उनके लिए बोझ बन गया है.
इधर, इडी ने जमानत देने का विरोध किया. इडी ने अनुब्रत के अकाउंटेंट मनीष कोठारी के बयान के आधार पर कोर्ट को इससे अवगत कराया कि सुकन्या ही यह तय करती थी कि मवेशी तस्करी से कमाए गए करोड़ों रुपये कालेधन को कहां और कैसे निवेश किया जाये, यह सुकन्या तय करती थी. वही अहम फैसले लेती थी. इसलिए उन्हें रुपये की कोई दिक्कत नहीं है. यह सब महज अदालत को दिखावा मात्र है. जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि काले धन को सफेद करने के लिए सुकन्या जिम्मेदार थी. वह काफी प्रभावशाली है. इसलिए अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो जांच प्रभावित हो सकती है.
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इसके बाद न्यायाधीश ने जानना चाहा, सुकन्या प्राइमरी स्कूल में कार्यरत थी, क्या उसे वेतन मिल रहा है? इसपर उनके वकील ने जवाब दिया कि चूंकि उसके सभी खाते अटैच कर लिए गए हैं, तो उन खातों से कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा. सुकन्या की तरफ से अदालत को बताया गया कि उनके रिश्तेदार उनके संपर्क में नहीं हैं. उनके हाथ खाली होने के कारण वह वकीलों को फीस तक नहीं दे पा रही है. इसलिए उन्हें कम से कम छह सप्ताह के लिए जमानत दी जाये. इस दिन जज ने मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया. जिसके कारण सुकन्या को जमानत नहीं मिली. मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.