सुलतानपुर: गायत्री प्रजापति को बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर करेगी योगी सरकार, जानें क्या है मामला
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में बरी किए जाने का योगी सरकार विरोध करेगी. इसके लिए विधि विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं. अब कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी. सरकार की ओर से मजबूत पैरवी के जरिए आरोपियों को सजा दिलाने का दावा किया जाता रहा है.
Sultanpur: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में गायत्री प्रजापति को दोषमुक्त किये जाने के खिलाफ अपील दायर करने का निर्णय किया है.
इसके लिए सरकार के विधि विभाग ने एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक कालिका प्रसाद मिश्र को अपील दायर करने का निर्देश दिया है. इसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोषमुक्त किए जाने का विरोध करते हुए जल्द कोर्ट में अपील दायर की जाएगी.
विशेष लोक अभियोजक कालिका प्रसाद मिश्र ने बताया कि मामले को लेकर सरकार को गायत्री प्रसाद प्रजापति के बीते दिनों दोषमुक्त करार दिए जाने की सूचना भेजी गई थी. इस पर शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. इसके मुताबिक अब आरोपों, साक्ष्यों और कोर्ट के फैसले का बारीकी से अध्ययन करके तय समयावधि में सक्षम न्यायालय में अपील दायर कर दी जाएगी.
गायत्री प्रसाद प्रजापति के वकील संतोष कुमार पांडेय के मुताबिक सुलतानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने विगत 7 अप्रैल को साक्ष्यों के अभाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व मंत्री को बरी किया.
विधानसभा चुनाव 2012 के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल अमरेंद्र नाथ बाजपेई ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ 28 जनवरी को नामांकन दाखिल के दौरान विधि विरुद्ध तरीके से जुलूस निकालकर नियम तोड़ने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. इसी को लेकर मामला कोर्ट में था, जिसमें गायत्री प्रसाद प्रजापति को साक्ष्य में अभाव का लाभ मिला.
अखिलेश यादव सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति गैंगरेप के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. पिछले साल नवंबर में एमपी एमएलए कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 18 फरवरी, 2017 को गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.