कोलकाता: पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में प्रदेश को पहली महिला पुलिस महानिदेशक मिल सकती है. यदि ऐसा हुआ, तो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की 1987 बैच की अधिकारी सुमन बाला साहू बंगाल की नयी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) होंगी. बंगाल सरकार ने नये डीजीपी के लिए 11 आईपीएस अफसरों की लिस्ट केंद्र को भेजी है, जिसमें सुमन बाला का नाम भी है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र अगस्त में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए नौकरशाही गतिविधियां चल रही हैं. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, राज्य के डीजीपी पद के लिए 11 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम प्रस्तावित किये गये हैं, जिसमें महिला आईपीएस अधिकारी सुमन बाला भी शामिल हैं. इसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे हैं कि राज्य को पहली महिला डीजीपी मिल सकती है.
1987 बैच की महिला आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू को राज्य पुलिस में शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है. हालांकि, 11 अफसरों की जो सूची भेजी गयी है, उसमें उनका नाम चौथे नंबर पर है. यदि उन्हें चुना जाता है, तो राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री के अधीन काम करने वाली एक महिला डीजीपी का दुर्लभ संयोग देखने को मिलेगा. आईपीएस अधिकारी सुमन बाला वर्तमान में पश्चिम बंगाल की डीजी (कम्युनिकेशन) हैं.
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पीएमओ के तहत कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्राधिकारी है. किसी आईपीएस अधिकारी को किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए पीएमओ की मंजूरी आवश्यक है. परंपरागत रूप से, केंद्र सरकार राज्य सरकार की ओर से भेजे गये नाम को मंजूरी देती है, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने शीर्ष पद के लिए किसी को भी नियुक्त करने से पहले अधिकारियों की विश्वसनीयता की जांच की जिम्मेदारी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सौंपी है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली जा रही हैं. इस दौरान वह 28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगी. पीएमओ से उन्हें मुलाकात का समय दिया गया है. उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर भी चर्चा कर सकती हैं.
राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि 11 लोगों की सूची पहले ही केंद्र को भेजी जा चुकी है. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों को इस बात का डर है कि आलापन बंद्योपाध्याय प्रकरण के बाद डीजीपी की पोस्टिंग राजनीतिक मोड़ ले सकती है. राज्य की सूची में 1986 बैच के अधिकारी मनोज मालवीय पहली पसंद हैं, जो अभी डीजी (संगठन) हैं. सीबीआई और सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक असाधारण अधिकारी श्री मालवीय के पास डीजीपी बनने के लिए जरूरी सभी योग्यताएं हैं.
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सूची में दूसरे स्थान पर कुलदीप सिंह हैं, जो वर्तमान में डीजी (सीआरपीएफ) हैं. अगली पंक्ति में कैबिनेट सचिवालय में वर्तमान संयुक्त सचिव शशि भूषण सिंह तोमर हैं, जबकि चौथे स्थान पर डीजी (कम्युनिकेशन) सुमन बाला साहू का नाम है. पांचवें स्थान पर पी नीरजनयन का नाम है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के दौरान वीरेंद्र के स्थान पर पी नीरजनयन को डीजीपी बनाया गया था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उन्हें हटाकर फिर से वीरेंद्र को बहाल कर दिया गया.
बंगाल के भावी पुलिस महानिदेशकों की इस सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल हैं, जो इस साल सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. इसमें 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी गंगेश्वर सिंह का नाम भी शामिल है. सूची में कई नाम हैं, जो अतिरिक्त-महानिदेशक रैंक में हैं, लेकिन उन्हें अभी तक पदोन्नति नहीं मिली है.
Posted By: Mithilesh Jha