Tula Sankranti 2023: सूर्य 18 अक्टूबर को तुला राशि में गोचर करने जा रहे है. इस गोचर के वक्त सूर्य का बड़े ग्रहों गुरु, मंगल, राहु और केतु से केंद्र में होना तथा शनि से त्रिकोण में आ जाना अशुभ माना जा रहा है. जिसके कारण तुला संक्रांति के दिन बड़े ग्रहों की अशुभ केंद्र-त्रिकोण स्थिति बन रही है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री का कहना है कि यह संयोग किसी बड़े खतरें की तरफ इशारा कर रहा है.
ग्रहों की यह स्थिति संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में देश-दुनिया किसी प्रकार की बड़ी घटनाओं का गवाह बन सकता है और राजनीतिक जगत में बड़े उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. ज्योतिष में सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है.
संक्रांति के समय बनने वाली कुंडली में ग्रह स्थिति का दो विशिष्ट प्रकार से अध्ययन किया जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार सबसे पहले शनि, गुरु, मंगल, राहु और केतु की परस्पर स्थिति सूर्य और चंद्रमा से देखकर अगले 30 दिन में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं के संबंध में भविष्य किया जाता है.
सभी ग्रहों का गोचर कुछ विशेष चक्रों जैसे नक्षत्र संघटन चक्र, राशि संघटन चक्र, कूर्म चक्र तथा अवकहड़ा चक्र आदि से प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध, हिंसा आदि घटनाओं के समय और दिशा का निर्धारण किया जाता है.
आगामी 18 अक्टूबर को सूर्य के तुला राशि में गोचर के समय सूर्य का बड़े ग्रहों गुरु, मंगल, राहु और केतु से केंद्र में होना तथा शनि से त्रिकोण में आ जाना किसी बड़े खतरे का संकेत दे रहा है, जिसका प्रभाव दीर्घकालीन होगा तथा भारत भी इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा.
ज्योतिष में सूर्य और चन्द्रमा को राजसिक ग्रह माना जाता है. संयोग से इस वर्ष की तुला संक्रांति के समय सूर्य का मंगल और केतु की युति से पीड़ित होना तथा चन्द्रमा पर पाप ग्रह वक्री शनि की दृष्टि विश्व के बड़े राजनेताओं के लिए कुछ असहज स्थिति, स्वास्थ में गिरावट तथा राजनीतिक उहापोह को स्पष्ट रूप से इंगित कर रहे हैं.