कोलकाताः पश्चिम बंगाल में एक बार फिर कोरोना वैक्सीन की भारी कमी देखी जा रही है. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रो डॉ अजय चक्रवर्ती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सेंट्रल मेडिकल स्टोर में मंगलवार तक वैक्सीन की मात्र छह लाख डोज थी. वैक्सीन की भारी किल्लत देखी जा रही है.
ऐसे में वैक्सीन की सेकेंड डोज सुपर स्प्रेडर यानी विशेष दर्जा प्राप्त वर्ग जैसे हॉकर, परिवहन श्रमिक, टोटो व रिक्शा चालक, पत्रकार, फल, सब्जी व मांस मछली विक्रेताओं को ही दी जायेगी. प्रो चक्रवर्ती ने बताया कि जब तक हमें पर्याप्त संख्या में वैक्सीन नहीं मिल जाती, तब तक आमलोगों को सेकेंड डोज देना संभव नहीं होगा.
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि सभी जिलों में उपलब्ध टीके का 50 प्रतिशत सेकेंड डोज के लिए आरक्षित किया गया है. वैक्सीन की कमी के कारण कोलकाता नगर निगम भी अगले दो दिन में केवल सेकेंड डोज लेने वाले लोगों को ही वैक्सीनेट करेगा. गौरतलब है कि निगम के 132 से अधिक वैक्सीनेशन सेंटरों पर लोगों को टीके लगाये जा रहे हैं.
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कोलकाता के कसबा, सिटी कॉलेज व सोनारपुर इलाके में कोरोना वैक्सीन के नाम पर फर्जीवाड़ा का शिकार हुए लोगों को स्वास्थ्य विभाग निःशुल्क वैक्सीनेट करेगा. इसे लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जहां यह निर्णय लिया गया. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन लोगों को फर्जी वैक्सीन लगाया गया है, उन सभी लोगों को 14 दिन बाद टीके लगाये जा सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उक्त लोगों की सेहत पर फर्जी वैक्सीन से विशेष दुष्प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए अगले 14 दिनों के बाद उन्हें वैक्सीनेट किया जा सकता है. फर्जी वैक्सीनेसन के बाद लोगों की स्वास्थ्य जांच के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और निगम के चिकित्सकों के साथ मेडिकल टीम तैयार की गयी थी.
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Posted By: Mithilesh Jha