पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित कंबल वितरण कार्यक्रम में भगदड़ के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. जिसके बाद राज्य सरकार को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को उचित दिशा-निर्देशों के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने की छूट दी है.
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आसनसोल में कंबल वितरण कार्यक्रम में मची भगदड़ से तीन लोगों की मौत हो गयी. सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में दिग्गज भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे और उनके वहां से जाने के बाद ही उक्त घटना हुई. मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने तंज कसते हुए कहा : भाजपा नेता शुभेंदु कुछ दिनों से यह दावा कर रहे थे कि 12, 14 व 21 दिसंबर को कुछ बड़ा होनेवाला है. कुछ घटने वाला है. ऐसे में सवाल है कि वह आसनसोल में हुई घटना की बात कर रहे थे क्या? कहीं शुभेंदु की 14 दिसंबर की डेडलाइन यही तो नहीं थी.
आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवलाल डांगाल इलाके में शिव चर्चा कार्यक्रम में कंबल वितरण के दौरान मची भगदड़ में दो महिला और एक बच्ची की मौत के मामले की जांच में पुलिस जुट गयी है. पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार नीलकांतम ने कहा कि इस कार्यक्रम की अनुमति पुलिस से नहीं ली गयी थी. विपक्ष के नेता आ रहे हैं इसकी जानकारी थी. उसी हिसाब से पुलिस की तैनाती थी. शिव चर्चा की और कंबल वितरण की कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं थी. घटना कैसे हुई? कौन जिम्मेदार है? इसकी जांच की जा रही है. पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई की जायेगी. पुलिस आयुक्त के साथ जिलाधिकारी एस. अरुण प्रसाद जिला अस्पताल में दाखिल घायलों को देखने के लिये पहुंचे.
पांच हजार लोगों की भीड़ जुटी थी, जिसे लेकर सुरक्षा का कोई खास इंतजाम नहीं था. मंच से नेताओं ने कुछ कंबल वितरण करके चले गये. बाकी बचे हजारों लोगों को कंबल देने के लिए पांच काउंटर बनाया गया था. इसके सामने सभी लाइन में लगे थे. दोपहर से ही लोग कंबल लेने के लिए यहां पहुंचे थे. शाम हो जाने पर कंबल लेकर घर लौटने के लिए लोगों में हड़बड़ी मच गयी थी. जिसके कारण भगदड़ मच गयी. हजारों की भीड़ थी, भगदड़ मचते ही लोग भागने लगे. इसी क्रम में दो महिला और एक बच्ची की मौत हो गयी और अनेकों लोग घायल हुए. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.
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