आसनसोल (शिवशंकर ठाकुर) : अवैध कोयला खनन और कोयला चोरी के मामले के आरोपी अनूप मांझी ऊर्फ लाला को फिर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर जो रोक लगायी थी, उसे 13 अप्रैल तक बरकरार रखा है. यही वजह है कि सीबीआइ उसे नजरंबद करने के बावजूद मंगलवार को गिरफ्तार नहीं कर पायी.
मंगलवार को जस्टिस चंद्रचूड़ एमारसा और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अनूप मांझी उर्फ लालाल की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को बरकरार रखा. कहा कि 13 अप्रैल को कोर्ट इस मामले की फिर से सुनवाई करेगा.
लाला के वकील ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अनूप माजी ने अदालत की सभी शर्तों का पालन करते हुए सीबीआइ को जांच में पूरा सहयोग किया. सीबीआइ ने इस बीच चार बार उसे पूछताछ के लिए बुलाया, वह हर बार हाजिर हुआ. जांच में सहयोग भी किया. ऐसे में उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगायी जाये.
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लाला की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को बरकरार रखते हुए 13 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी. ज्ञात हो कि कोयलाकांड में आरोपी लाला की गिरफ्तारी पर 25 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय ने सशर्त रोक लगायी थी.
इस बीच, उसे जांच में सीबीआइ को सहयोग करना था. लाला ने सीबीआइ को जांच में सहयोग किया. सीबीआइ ने उसे 29 मार्च, 31 मार्च, 2 अप्रैल और 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया था. वह हर बार हाजिर हुआ. सुबह 11 बजे से रात 7-8 बजे तक पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जाता था.
सोमवार को चौथी बार पूछताछ के बाद रात साढ़े नौ बजे उसे कोलकाता स्थित उसके ही एक आवास में सीबीआइ ने नजरबंद कर लिया. पूछताछ के बाद उसे पुनः 6 तारीख की सुबह 6 बजे बुलाया गया. इस दौरान उसे निजाम पैलेस में ही रुकने को कहा गया. उसके साथ मौजूद अधिवक्ताओं ने सीबीआइ के इस निर्णय का विरोध किया.
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काफी देर तक बहस के बाद सीबीआइ ने कहा कि उसे कोलकाता में ही रुकना होगा. साथ ही कहा गया कि वह जहां भी रुकेगा, सीबीआइ के दो अधिकारी उसके साथ होंगे. सीबीआइ के अपने निर्णय पर कायम रहने के बाद लाला ने कोलकाता के साल्टलेक सेक्टर वन में स्थित अपने एक आवास में ही रुकने की बात कही. रात साढ़े नौ बजे सीबीआइ की 8 सदस्यीय टीम लाला को लेकर उसके घर पहुंची और वहीं उसे नजरबंद रखा गया.
सीबीआइ ने 27 नवंबर को कोयला के अवैध कारोबार के मामले में माजी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. उसके बाद से वह फरार हो गया. सीबीआइ की अपील पर अदालत से लाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, लुकआउट नोटिस, संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी हो चुका है. इसके बाद भी सीबीआइ लाला को नहीं पकड़ पायी. 25 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय से छह अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद वह 29 मार्च को पहली बार सीबीआइ के समक्ष हाजिर हुआ.
सीबीआइ को डर सता रहा था कि 6 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई में यदि गिरफ्तारी से रोक हट जाती है, तो लाला फिर से फरार हो सकता है और उसे ढूंढ़ने में मुश्किलें आयेंगी. इसलिए सोमवार को पूछताछ के बाद उसे उसके ही घर में नजरबंद करके रखा गया. 13 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक के बाद भी सीबीआइ उसे पूछताछ के लिए फिर बुला सकती है.
Posted By : Mithilesh Jha