West Bengal : अब सुप्रीम कोर्ट में होगी एमबीबीएस दाखिले में जाति प्रमाणपत्र घोटाले से संबंधित मामले की सुनवाई

मेडिकल मामले को लेकर राज्य की ओर से बताया गया कि 14 फर्जी मेडिकल एडमिशन सर्टिफिकेट पाए गए हैं. कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद मेडिकल मामले की सुनवाई अपने हाथ में ले ली.

By Shinki Singh | January 29, 2024 12:16 PM

सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस की आरक्षित श्रेणी की सीट के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को जाति प्रमाणपत्र जारी करने में अनियमितताओं के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के मुद्दे पर कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की दो पीठ में टकराव से संबंधित याचिकाएं सोमवार को अपने हाथ में ले लीं. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि उसने इस मुद्दे से संबंधित सभी मामलों को अपने हाथ में लेने का फैसला किया है और तीन सप्ताह की अवधि में दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया है.पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे.

14 फर्जी मेडिकल एडमिशन सर्टिफिकेट पाए गए

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कुछ कहना चाहते थे. मुख्य न्यायाधीश ने उनसे अपना बयान लिखित रूप में देने को कहा. राज्य के वकील कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट की एकल पीठ को शीर्ष अदालत में चुनौती दी. उन्होंने मामले को एकल पीठ से हटाने की अर्जी दी थी. उन्होंने कहा, ”मेडिकल प्रवेश मामले को एकल पीठ से हटाया जाना चाहिए. मेडिकल मामले को लेकर राज्य की ओर से बताया गया कि 14 फर्जी मेडिकल एडमिशन सर्टिफिकेट पाए गए हैं. कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद मेडिकल मामले की सुनवाई अपने हाथ में ले ली. सभी चिकित्सा मामले कलकत्ता उच्च न्यायालय से स्थानांतरित कर दिए गए हैं.

27 जनवरी को अवकाश के दिन मामले की हुई थी सुनवाई

शीर्ष अदालत की पीठ पहले इस विवाद को निपटाने के लिए 27 जनवरी को अवकाश के दिन बैठी थी, जहां एक असहमत न्यायाधीश ने खंडपीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसने उनके निर्देश को रद्द कर दिया था. खंडपीठ ने सीबीआई जांच का निर्देश देने के साथ केंद्रीय एजेंसी को जांच आगे बढ़ने के न्यायाधीश के निर्देश को रद्द कर दिया था. विवादास्पद न्यायिक स्थिति को हल करने के प्रयास के तहत पीठ ने शनिवार को कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो पीठों के बीच टकराव के मद्देनजर मामला अपने हाथ में लेने और सभी कार्यवाही पर रोक लगाने का फैसला किया. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने खंडपीठ के न्यायाधीश सौमेन सेन पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के हितों के लिए सीबीआई जांच के उनके आदेश को खारिज करने का आरोप लगाया था.

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