Bengal News: अवैध कोयला खनन मामले के मुख्य आरोपी अनुप मांझी ऊर्फ लाला को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. उसकी गिरफ्तारी पर 13 अप्रैल तक रोक लगायी गयी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने लाला की गिरफ्तारी पर 6 अप्रैल तक रोक लगायी थी. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और लाला को फिर बड़ी राहत मिली. अब 13 अप्रैल तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगायी गयी. लाला के बचाव में देश के प्रख्यात वकील मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सीबीआई ने लाला को उसके आवास पर सीबीआइ की निगरानी में रखा गया था.
बताया जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट लाला की गिरफ्तारी पर रोक की समय सीमा बढ़ाती है, तो सीबीआई उसे खुद अपनी निगरानी में भामुरिया (पुरुलिया) पहुंचा देगी और इसके विपरीत फैसला आने पर उसे गिरफ्तार कर लेगी. जानकारों का मानना है कि लाला ने सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त गिरफ्तारी की रोक की सभी शर्तों का पालन किया है. सीबीआइ ने जब भी उसे बुलाया वह हाजिर हुआ, ऐसे में उसकी गिरफ्तारी पर रोक की समय सीमा बढ़ सकती है.
बता दें कि अवैध कोयला खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को लाला को सुप्रीम राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर 6 अप्रैल तक रोक लगायी थी. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद गत 29 मार्च को पहली बार लाला कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ कार्यालय पहुंचा था. वहां करीब 7 घंटे तक पूछताछ के बाद उसे सीबीआइ ने छोड़ा था. उसके जवाब से असंतुष्ट सीबीआइ अधिकारियों ने लाला से 4 बार पूछताछ की थी.
सोमवार को सीबीआइ ने चौथी बार लाला से घंटों पूछताछ की थी. वहीं दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लाला की 165.86 करोड़ की संपत्ति कल अटैच की थी. इधर, सोमवार रात 9 बजे तक पूछताछ के बाद मंगलवार की सुबह 6 बजे फिर पूछताछ के लिए लाला को बुलाया गया था. हालांकि सुबह 6 बजे के लिए उसे निजाम पैलेस में ही उसे रुकने को कहा गया. मगर, लाला के वकील ने इसका विरोध किया.
लाला के वकील और सीबीआइ अधिकारियों में बहस के बाद सीबीआइ ने यह फैसला किया कि निजाम पैलेस में नहीं तो लाला को कोलकाता में ही रुकना पड़ेगा. लाला के साथ सीबीआइ के दो अधिकारी भी उसके आवास में मौजूद रहेंगे. इसके बाद लाला कोलकाता स्थित अपने आवास पर रुकने के लिए तैयार हो गया. रात करीब 9:30 बजे सीबीआइ की 8 सदस्यीय टीम लाला को लेकर उसके घर पहुंची.
मंगलवार की सुबह फिर लाला को सीबीआइ कार्यालय में लाया गया. सीबीआइ अधिकारियों को डर था लाला फरार न हो जाये. बता दें कि 27 नवम्बर 2020 को सीबीआइ ने अवैध कोयला खनन मामले में एफआइआर दर्ज की थी. एफआइआर दर्ज करने के बाद जब पूछताछ के लिए सीबीआि ने लाला को बुलाया, तो वह फरार हो गया. कई बार नोटिस भेजने पर भी लाला सीबीआइ या इडी या आयकर विभाग के समक्ष पेश नहीं हुआ था. इसके बाद सीबीआइ ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने सीबीआइ की अपील पर लाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, लुकआउट नोटिस जारी की थी.
कोर्ट ने लाला की संपत्ति कुर्क करने का आदेश भी जारी कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद लाला सीबीआइ के समक्ष हाजिर हुआ. सूत्रों की मानें तो सीबीआइ को डर है 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से लाला की गिरफ्तारी पर रोक हटने के बाद फिर लाला तक पहुंचना मुश्किल हो जायेगा. इस कारण ही सोमवार को पूछताछ के बाद उसके घर पर अपनी टीम भेज दी.
Posted by : Babita Mali