पश्चिम बंगाल में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) के भुगतान का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के बकाया डीए के भुगतान संबंधी हाईकोर्ट (High Court) के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आज सुनवाई हो सकती है. इस बीच, हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया डीए का भुगतान नहीं करने पर सरकारी कर्मचारियों की यूनियनों ने राज्य सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में ही कोर्ट की अवमानना का केस किया है. उस पर भी बुधवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन व न्यायाधीश रबींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ में सुनवाई होगी.
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बताया गया है कि सभी वादी ट्रेड यूनियनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी. गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के 20 मई के फैसले को लागू नहीं करने पर राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और वित्त सचिव मनोज पंत के खिलाफ सरकारी कर्मचारी परिषद, राज्य सरकार कर्मचारी संगठन (कन्फेडरेशन) और यूनिटी फोरम ने अवमानना का मुकदमा दायर किया है. वहीं, बकाया डीए पर राज्य सरकार ने कलकत्ता हाइकोर्ट में कहा है कि वह आर्थिक संकट से गुजर रही है. यदि डीए की अदायगी की गयी, तो राज्य सरकार का आर्थिक संकट गहरा जायेगा.
सरकारी कर्मचारी यूनियन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता फिरदौस शमीम ने कहा कि राज्य सरकार हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है, पर उसने तय समय के अंदर कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया. लिहाजा यह कोर्ट की अवमानना है. डीए पर हाइकोर्ट पहले ही स्पष्ट फैसला कर चुका है. इस बार अवमानना मामले की सुनवाई होगी. गौरतलब है कोर्ट की ओर राज्य सरकार को बकाया देने की बात कहीं गई थी लेकिन उस पर कार्य नहीं किया गया. कर्मचारियों को अब तक बकाया डीए नहीं दिया गया है.
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