सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में निष्पक्ष चुनाव के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में निष्पक्ष चुनावों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2021 2:54 PM
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नयी दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में निष्पक्ष चुनावों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सोमवार को तीन जजों की बेंच ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के साथ-साथ बंगाल में विपक्षी दलों के नेताओं को सुरक्षा देने की अपील की गयी थी.

दिल्ली के रहने वाले एडवोकेट पुनीत कौर ढांडा ने अपनी याचिका में कहा था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में फर्जी वोटरों और मुस्लिम वोटरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. मामले की सुनवाई कर रही तीन जजों की बेंच के एक जज जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि यह मामला आर्टिकल 32 से जुड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘आपके मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं हुआ है. याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल का निवासी भी नहीं है.’ याचिकाकर्ता पुनीत कौर ढांडा ने बंगाल में भाजपा नेताओं की हो रही हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए मांग की थी कि गृह मंत्रालय विस्तृत रिपोर्ट देकर बताये कि अब तक इस संबंध में क्या कार्रवाई हुई है.

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याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल के विरोधी दलों के नेताओं को सुरक्षा देने की भी मांग की थी. साथ ही उसने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि फर्जी मतदाताओं को चिह्नित कर उनके नाम मतदाता सूची से हटा दें. पुनीत के वकील विनीत ढांडा ने कहा था कि बंगाल चुनाव में मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभायेंगे.

याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि तेलंगाना के लोगों के नाम बंगाल की मतदाता सूची में हैं. ये फर्जी मतदाता हैं. इतना ही नहीं, योजनाबद्ध तरीके से भाजपा नेताओं को बंगाल में निशाना बनाया जा रहा है. इस पर बेंच ने जानना चाहा कि याचिकाकर्ता का इस केस से क्या लेना-देना है. वह किस तरह से बंगाल से जुड़ा है.

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जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच के सवालों का याचिकाकर्ता के वकील विनीत ढांडा उचित जवाब नहीं दे पाये. याचिकाकर्ता के जवाब से असंतुष्ट तीन जजों की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया.

Posted By : Mithilesh Jha

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