सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के उस अंतरिम निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त 2023 तक 32,000 शिक्षकों का नये सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी.
हाइकोर्ट ने राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नयी बनायी गयी रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के लिए कहा था.गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 12 मई को 36,000 प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था. हालांकि, बाद में यह आंकड़ा संशोधित कर 32,000 कर दिया गया.
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प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने कहा था कि वे प्रशिक्षित नहीं थे और उन्हें अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गयी थी. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ से संपर्क किया था. हालांकि, खंडपीठ ने 19 मई को इस साल 23 सितंबर तक नौकरियां समाप्त करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
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हालांकि, खंडपीठ एकल-पीठ के नयी बनायी गयी रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी करने के निर्देश पर रोक नहीं लगायी थी. इसलिए इस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एकल-पीठ के आदेश को खारिज कर दिया. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का मौका देना होगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट से नकदी के बदले स्कूलों में नौकरी घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को कहा. सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हमें उम्मीद और भरोसा है कि इस तरह के विवाद का जल्द से जल्द फैसला हो जायेगा. इसलिए, हम हाइकोर्ट से रिट अपील की सुनवाई में तेजी लाने के लिए कह रहे हैं. इसमें कहा गया है कि हमने एकल न्यायाधीश के निर्देशानुसार नये सिरे से चयन का निर्देश देने के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है.
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