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पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा: जान बचाने के लिए एक लाख लोगों को करना पड़ा पलायन, अब होगी ‘सुप्रीम’ सुनवाई

बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा में एक लाख लोग पलायन के लिए मजबूर हुए. सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2021 2:06 PM
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कोलकाता/नयी दिल्ली : बंगाल चुनाव के बाद हिंसा की वजह से लोगों के कथित पलायन पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट इससे जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के कारण लोगों के कथित पलायन को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने के अनुरोध वाली एक याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा.

न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने बताया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से संबंधित हिंसा के कारण एक लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं. उन्होंने पीठ से कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई जरूरी ,है क्योंकि लोग अपने घरों को छोड़कर जाने तथा आश्रय केंद्रों एवं शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं.

पीठ ने कहा, ‘ठीक है, हम अगले सप्ताह मामले में सुनवाई करेंगे.’ सामाजिक कार्यकर्ता अरुण मुखर्जी और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं, हिंसा पीड़ितों तथा वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि वे पश्चिम बंगाल में दो मई से हिंसा से प्रताड़ित हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस और राज्य सरकार प्रायोजित गुंडे आपस में मिले हुए हैं. इसकी वजह से पुलिस पूरे मामले में केवल मूकदर्शक साबित हुई है.

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शिविरों में रहने को विवश हैं लोग

उन्होंने दावा किया कि पुलिस लोगों को प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने के लिए धमका रही है. जनहित याचिका में कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों के कारण लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं और पश्चिम बंगाल में तथा राज्य के बाहर आश्रय घरों तथा शिविरों में रहने को विवश हैं.

याचिका में कहा गया है कि राज्य समर्थित हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल में लोगों के पलायन ने उनके जीवन से जुड़े गंभीर मानवीय मुद्दों को उठाया है. संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन करके इन लोगों को पलायन करने के लिये बाध्य किया गया है.

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पुनर्वास आयोग बनाने और मुआवजा दिलाने की मांग

याचिका में इन विस्थापित व्यक्तियों के लिए पुनर्वास आयोग गठित करने, परिवार के सदस्यों को खोने के साथ ही संपत्ति और आजीविका के साधन से वंचित होने के लिए उन्हें समुचित मुआवजा दिलाने का भी अनुरोध किया गया है.

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Posted By: Mithilesh Jha

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