Surda Mines: माइनिंग चालान नहीं मिलने का रोना रो रहा प्रबंधन, वार्ता विफल, 12 सितंबर को ICC का हुड़का जाम
Surda Mines: प्रबंधन का कहना है कि झारखंड सरकार से उन्हें चालान नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण मजदूरों को रोजगार देने में सक्षम नहीं हो रहे. जैसे ही चालान मिलेगा, मजदूरों को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. वार्ता विफल होने के बाद संगठन ने निर्णय लिया कि 12 सितंबर से हुड़का जाम करेंगे.
Surda Mines: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के मऊभंडार के जेनरल ऑफिस में एचसीएल/आइसीसी प्रबंधन, खान मजदूर यूनियन के महासचिव रमेश माझी और एचसीएल/आइसीसी बचाव संगठन के संयोजक फेबियन तिर्की के बीच वार्ता हुई. इसमें किसी प्रकार की सहमति नहीं बन सकी. प्रबंधन का कहना है कि झारखंड सरकार से उन्हें चालान नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण मजदूरों को रोजगार देने में सक्षम नहीं हो रहे. जैसे ही चालान मिलेगा, मजदूरों को रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. वार्ता विफल होने के बाद यूनियन और एचसीएल/आइसीसी बचाओ संगठन ने निर्णय लिया कि 12 सितंबर से हुड़का जाम का कार्यक्रम शुरू करेंगे.
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के मऊभंडार के जेनरल ऑफिस में एचसीएल/आइसीसी प्रबंधन, खान मजदूर यूनियन के महासचिव रमेश माझी और एचसीएल/आइसीसी बचाव संगठन के संयोजक फेबियन तिर्की के बीच वार्ता में सहमति नहीं बनने पर हुड़का जाम का निर्णय लिया गया. इस वार्ता में झारखंड खान मजदूर यूनियन के महासचिव रमेश माझी, धालभूमगढ़ के जिला परिषद सदस्य हेमंत मुंडा, गुडाबांदा के जिला परिषद सदस्य शिवनाथ मांडी, वीर बहादुर सोनार, बुढ़ान सोरेन, मंजीत सिंह, शंभु जेना, सोखी, कमल दास, हिमालय, इंदर मार्डी, मुखिया बेनाशोल, केंदादीह के मुखिया, मंगल हांसदा, आगस्टिन पूर्ति समेत कई अस्थायी मजदूर शामिल थे.
आपको बता दें कि यूनियन ने 28 अगस्त को आइसीसी के कार्यपालक निदेशक को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा था. मांगों पर जल्द विचार नहीं होने पर हुड़का जाम की चेतावनी दी थी.