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Surgery: ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ दी कैंची, 11 वर्ष बाद पता चला

surgery: चिकित्सक की लापरवाही के कारण 11 वर्ष पहले ऑपरेशन के दौरान पेट में छूटी कैंची का खामियाजा प्रसव पीड़िता आज तक भुगत रही है.

surgery: चिकित्सक की लापरवाही के कारण 11 वर्ष पहले ऑपरेशन के दौरान पेट में छूटी कैंची का खामियाजा प्रसव पीड़िता आज तक भुगत रही है. हाल ही में जब उसे पता चला कि उसके शारीरिक कष्ट की मूल वजह चिकित्सक की भूल है, तब पीड़िता व उसके पूरे परिवार पर कष्ट का पहाड़ टूट गया. अब बांका और भागलपुर के चिकित्सकों ने इलाज करने से हाथ खड़े कर दिये हैं. पीड़िता को इलाज के लिए अब पटना जाना होगा. पीड़िता और उसके परिजनों ने जिलाधिकारी और एसपी से मिलकर आवेदन देते हुए चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई की गुहार लगायी है.

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साल 2011 में निजी क्लिनिक में ऑपरेशन के जरिये रशीदा ने पुत्री को दिया था जन्म

मामला अमरपुर व शंभुगंज से जुड़ा हुआ है. दो जुलाई, 2011 को शंभुगंज थाना क्षेत्र के असलम की बेगम रशीदा खातून को प्रसव पीड़ा हुई थी. वह अमरपुर ब्लॉक रोड स्थित डॉ सुरेश प्रसाद की निजी क्लिनिक में गयी. क्लिनिक में ऑपरेशन के बाद रशीदा ने एक पुत्री को जन्म दिया. ऑपरेशन के बाद वह अपने घर लौटी, तो पेट में हमेशा दर्द रहता था. लगातार दवा खाने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ. पीड़िता के मुताबिक जब वह इस बाबत डॉ सुरेश प्रसाद से मिली और अपनी पीड़ा की जानकारी दी, तो वे भड़क गये. साथ ही अभद्र व्यवहार भी किया. चिकित्सक ने पीड़िता को भागलपुर स्थित स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ स्नेहा भूषण के पास भेज दिया, जहां उनके पेट के ऊपरी हिस्से का ऑपरेशन किया गया, लेकिन सुधार नहीं हुआ. पेट से मवाद निकलता रहा.

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22 मार्च को पेट में कैंची होने का पता चला

बेगम की हालत में सुधार नहीं होता देख शौहर असलम ने भागलपुर के ही डॉ राजन कुमार सिन्हा के क्लिनिक में दिखाया, जहां एक्स-रे और अन्य जांच के दौरान पता चला कि पीड़िता के पेट में कैंची है. यह कैंची 11 वर्ष पूर्व पीड़िता के प्रसव के वक्त डॉ सुरेश प्रसाद के निजी क्लिनिक में ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतते हुए छोड़ दिया गया था. पेट में कैंची की बात सुनते ही सभी पर दुखों का पहाड़ टूट गया. भागलपुर के चिकित्सक ने हाथ खड़े कर दिये. अब इलाज के लिए पटना जाना होगा. इस बाबत जब डॉ सुरेश कुमार से 8 अप्रैल को पीड़िता और असलम शिकायत करने पहुंचे, तो उनलोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. विरोध करने पर अज्ञात व्यक्ति के साथ मारपीट पर उतारू हो गये. यही नहीं, 50 हजार का प्रलोभन भी दिया जा रहा है कि वह चिकित्सक का पीछा छोड़ दे.

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डीएम-एसपी को दिया आवेदन

पीड़िता, उसके शौहर और अन्य परिजनों ने मिलकर इस बाबत जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक से लिखित शिकायत की है. दोनों वरीय अधिकारियों से चिकित्सक पर कानूनी कार्रवाई कर उचित सजा दिलाने और उन्हें मुआवजा दिलाने की मांग की है.

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कहते हैं चिकित्सक

निजी क्लिनिक के चिकित्सक डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि मामला कुछ नहीं है. उन्होंने नहीं, बल्कि साल 2011 में उनकी मैडम ने ऑपरेशन किया था. उसके बाद कभी शिकायत नहीं की गयी. 11 साल बाद यह बात उठायी जा रही है. इस बीच भागलपुर और ना जाने कहां-कहां ऑपरेशन और इलाज कराया गया.

बांका से मदन कुमार

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