Surya Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह को ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य देव लगभग एक महीने बाद एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं. हर ग्रह गोचर किसी न किसी शुभ या अशुभ संकेत को लेकर आता है. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे सूर्य गोचर या फिर संक्रांति कहते हैं. सूर्यदेव 17 नवंबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. वृश्चिक राशि पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है और ज्योतिष अनुसार मंगल और सूर्य देव में मित्रता का भाव है, इसलिए सूर्य देव का मंगल के घर में जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को नव ग्रहों के राजा माना जाता है. यह एक राशि में करीब एक माहीने तक रहते हैं. ऐसे में यह एक साल के दौरान 12 राशियों में प्रवेश कर जाते हैं. गोचर के दौरान सूर्य हर राशि के अलग-अलग भावों में स्थित होकर उन्हें प्रभावित करता है.
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कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य शुभ फल देने वाला होता है. पहला घर सूर्य का ही होता है, इसलिए सूर्य का इस भाव में होना बहुत शुभकारी मना जाता है. ऐसा जातक अपनी आंखों देखी बातों पर ही विश्वास करता है.
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कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य यदि शुभ है तो जातक आत्मनिर्भर होगा, शिल्पकला में कुशल और माता-पिता, मामा, बहनों, बेटियों और ससुराल वालों का सहयोग करने वाला होगा.
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कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य अगर शुभ है तो जातक अमीर, आत्मनिर्भर होगा और उसके कई छोटे भाई होंगे. जातक पर ईश्वरीय कृपा होगी और वह बौद्धिक व्यवसाय द्वारा लाभ कमाएगा.
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चौथे भाव में यदि सूर्य शुभ है तो जातक बुद्धिमान, दयालु और अच्छा प्रशासक होता है. ऐसे जातक के पास आमदनी का स्थिर श्रोत होता है. ऐसा जातक मृत्युउपरांत अपने वंशजों के लिए बहुत धन और बड़ी विरासत छोड़ कर जाता है.
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र्य पांचवें भाव में शुभ है तो निश्चित ही जातक के परिवार तथा बच्चों की प्रगति और समृद्धि होगी. यदि पांचवें भाव में कोई सूर्य का शत्रु ग्रह स्थित है तो जातक को सरकार जनित कष्टों का सामना करना पड़ सकता है.
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सूर्य छठे भाव में शुभ हो तो जातक भाग्यशाली, क्रोधी तथा सुंदर जीवनसाथी वाला होता है. यदि सूर्य छठे भाव में हो, चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति दूसरे भाव में हो तो परंपरा का निर्वाह करना लाभदायक होता है.
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सातवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ है और यदि बृहस्पति, मंगल अथवा चंद्रमा इनमे से कोई दूसरे भाव में है तो जातक सरकार में मंत्री जैसा पद प्राप्त करता है. बुध उच्च का हो या पांचवें भाव में हो अथवा सातवां भाव मंगल का हो तो जातक के पास आमदनी का कभी न कभी अंत होने वाला श्रोत होगा.
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आठवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ हो तो आयु के 22वें वर्ष से सरकार का सहयोग मिलता है. ऐसा सूर्य जातक को सच्चा, पुण्य और राजा की तरह बनाता है. कोई उसे नुकसान नही पहुंचा पाता.
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नवमें भाव में सूर्य शुभ हो तो जातक भाग्यशाली, अच्छे स्वभाव वाला, अच्छे पारिवारिक जीवन वाला और हमेशा दूसरों की मदद करने वाला होगा. यदि बुध पांचवें घर में होगा तो जातक का भाग्योदय 34 साल के बाद होगा.
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दसवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ हो तो सरकार से लाभ और सहयोग मिल सकता है. ऐसे जातक का स्वास्थ्य अच्छा और वह आर्थिक रूप से मजबूत भी होगा. ऐसे जातक को सरकारी नौकरी, वाहनों और कर्मचारियों का सुख मिलता रहैगा.
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यदि ग्यारहवें भाव सूर्य शुभ है तो जातक शाकाहारी और परिवार का मुखिया होगा. जातक के तीन बेटे होंगे और उसे सरकार से लाभ मिलेगा. ग्यारहवें भाव में बैठा सूर्य यदि शुभ नहीं है और चंद्रमा पांचवें भाव में है और सूर्य पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि भी नहीं है तो वह जातक की आयु कम होती है.
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बारहवें भाव में सूर्य शुभ हो तो जातक 24 वर्ष की आयु के बाद बहुत धन कमाएगा और जातक का पारिवारिक जीवन अच्छा बितेगा. यदि शुक्र और बुध एक साथ हो तो जातक को व्यापार से लाभ मिलता है और जातक के पास आमदनी के बहुत अच्छे स्रोत होते हैं.
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