Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. साल का पहला सूर्य ग्रहण कई वजहों से खास है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सात साल में यह दूसरी बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगेगा. ऐसा साल 2017 के बाद पहली बार सूर्य ग्रहण होगा. हालांकि यह अद्भुत नाजारा भारत में दिखाई नहीं देगा. ऐसा अद्भुत नाजारा उत्तरी अमेरिका के बहुत बड़े इलाके में दिखाई देगा. नासा के अनुसार, सबसे पहले सूर्य ग्रहण मेक्सिको के प्रशांत तट पर सुबह 11 बजकर 7 मिनट पर दिखेगा, जब चांद पूरी तरह से सूरज को ढंक लेगा, तो दिन में रात जैसा नजारा होगा. अमेरिका के 13 राज्यों में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
इस साल 08 अप्रैल 2024 को लगने वाला सूर्य ग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जिसे खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहते हैं. ऐसा सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच से चंद्रमा गुजरता है. ऐसा इसलिए होता है क्यों धरती सूरज का चक्कर लगाती है तो चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूर्य का पूरा या कुछ हिस्सा प्रकाश को रोकता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सिर्फ सूर्य का कोरोना दिखाई देता है. यह बताता है कि चंद्रमा के पीछे सूर्य है. आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढका हुआ दिखता है.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. 8 अप्रैल को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको,उत्तरी अमेरिका कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा. सूतक काल की शुरुआत ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से हो जाती है. भारत में सूतक मान्य होगा ?
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सूतक काल वह समय होता है, जब पृथ्वी पर प्रकृति संवेदनशील स्तिथि में होती है, इस अवधि में अनहोनी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. सूतक काल की अवधि के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए अनिवार्य होता है.
ग्रहण के समय सिलाई और बुनाई का कार्य या सुई में धागा नहीं डालना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान नाख़ून काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं करना चाहिए, इसके अलावा ग्रहण के दौरान मंदिर की मूर्ति को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए. ग्रहण के समय सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए.