Surya Grahan 2024: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि दिन सोमवार को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण खग्रास होगा. इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव से विश्व पटल पर बड़े-बड़े नेताओं को उनके व्यवहार के कारण गंभीर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ेगा. वहीं कुछ गुस्से की प्रवृत्ति रखने वाले राजनेताओं के कारण देश के बीच अशांति का माहौल बन सकता है, जो अत्यधिक अभिमानी होंगे, वह किसी भी हद तक जाने को तैयार देखेंगे, जिससे विश्व पटल पर अशांति का माहौल बढ़ सकता है. किसी विशेष महिला राजनेता पर भी कुछ आरोप लग सकते हैं. वह दुर्भावना का शिकार हो सकती हैं. वर्तमान में सत्ता पर बैठे पदाधिकारियों को परिस्थितियों को संभालने में समस्या का सामना करना पड़ेगा, इस ग्रहण के प्रभाव से विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां, यूनानी दवाईयां, सोना, व्यावसायिक वस्तुएं, हर्बल पदार्थ महंगे हो जाएंगे.
वर्ष 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार की रात 09 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा और मंगलवार 9 अप्रैल 2024 की मध्यरात्रि 02 बजकर 22 मिनट तक लगेगा. यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी कि खग्रास सूर्य ग्रहण होगा. यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा. मीन देवगुरु बृहस्पति की राशि है जो कि सूर्य की मित्र राशि है, इस दिन सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और राहु एक साथ स्थित होंगे. चंद्रमा से द्वादश भाव में शनि और मंगल स्थित होंगे तथा बुध और बृहस्पति द्वितीय भाव में स्थित होंगे. रेवती नक्षत्र और मीन राशि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों और इनसे संबंधित राष्ट्रों यानी कि देशों के लिए यह सूर्य ग्रहण सर्वाधिक प्रभावशाली रहने वाला है.
इस वर्ष कुल दो सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाले हैं, जिनमें से पहला ग्रहण खग्रास सूर्य ग्रहण यानी की पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और दूसरा सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. साल 2024 में 4 ग्रहण लगने वाले हैं जिसमें से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे. चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो भारत में नजर नहीं आने वाला है. ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा, इसलिए मंदिर के कपाट आदि बंद नहीं किए जाएगे.
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सूर्य ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से प्रभावित कर सकता है, जिनका ध्यान गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के सूतक काल के प्रारंभ होने से लेकर सूतक काल की समाप्ति तक यानी कि सूर्य ग्रहण के समाप्त होने तक विशेष रूप से रखना चाहिए. क्योंकि सूर्य ग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर विशेष प्रभाव पड़ता है और उनके गर्भ में पल रही संतान पर भी इसका प्रभाव हो सकता है. गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भ में पल रही संतान का ध्यान रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए.