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Surya Grahan 21 June 2020: देशभर में खत्म हो गया सूर्य ग्रहण, जानिए कई जगहों पर दिखा रिंग ऑफ फायर का नजारा

Surya Grahan 2020 Date, Timing in india, Surya Grahan kab se hai, kitne baje lagega, Sutak timing, grahan time : 21 जून, दिन रविवार के सूर्य ग्रहण लग रहा है. ये ग्रहण रविवार की सुबह 9:15 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा. इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा. यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा. लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. ग्रहण से एक दिन पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा. ग्रहण का सूतक काल शनिवार यानि कि 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जायेगा. ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक (Sutak Timing) लग जाता है. सूतक के समय को सामान्यता अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है. सूर्य ग्रहण भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा.

By Radheshyam Kushwaha | June 21, 2020 3:10 PM

मुख्य बातें

Surya Grahan 2020 Date, Timing in india, Surya Grahan kab se hai, kitne baje lagega, Sutak timing, grahan time : 21 जून, दिन रविवार के सूर्य ग्रहण लग रहा है. ये ग्रहण रविवार की सुबह 9:15 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा. इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा. यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा. लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. ग्रहण से एक दिन पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा. ग्रहण का सूतक काल शनिवार यानि कि 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जायेगा. ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक (Sutak Timing) लग जाता है. सूतक के समय को सामान्यता अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है. सूर्य ग्रहण भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा.

लाइव अपडेट

जानिए कहां खत्म हो चुका है सूर्य ग्रहण

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बंगलौर, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, पुणे, सिरसा, टिहरी में सूर्य ग्रहण की समाप्ति हो चुकी है.

सदी का दुर्लभ और साल का पहला सूर्य ग्रहण अब हो रहा समाप्त

सदी का दुर्लभ और साल का पहला सूर्य ग्रहण समाप्त होने जा रहा है. दोपहर 03 बजकर 15 मिनट पर खत्म हो जाएगा. इस ग्रहण का अद्भुत और अभूतपूर्व नजरा राजधानी दिल्ली समेत सभी महानगरों में देखने को मिला. ग्रहण का समय शुरू होते ही धीरे-धीरे आसमान का नजारा बदलने लगा.

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जानें- किस शहर में कितने बजे से सू्र्य ग्रहण

दिल्ली में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 49 मिनट पर

मुंबई में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 28 मिनट पर

चेन्नई में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 42 मिनट पर

लखनऊ में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 59 मिनट पर

पटना में सूर्यग्रहण की समाप्ति 02 बजकर 10 मिनट पर

अहमदाबाद में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 31 मिनट पर

देहरादून में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 51 मिनट पर

आगरा में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 51 मिनट पर

शिमला में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 48 मिनट पर

चेन्नई में सूर्यग्रहण की समाप्ति 01 बजकर 42 मिनट पर

कोलकाता में सूर्यग्रहण की समाप्ति 02 बजकर 17 मिनट पर

विशाखापट्टनम में सूर्यग्रहण समय सुबह 02 बजकर 00 मिनट पर

बिहार में बादलों के बीच लुका-छिपी कर रहा सूर्य

बिहार में मानसून के बादलों के बीच सूर्य लुकाछिपी कर रहा है. पटना में यह बदलों के बाइच से दिख रहा है, फिर बादल इसे ढक जा रहे हैं

पंजाब के आसमान में दिखा ऐसा नजारा

पंजाब के आसमान में दिखा ऐसा नजारा

एथोपिया में दिखा सूर्य ग्रहण का अलग नजारा...

देखिए अमृतसर में कैसा दिखा नजारा

सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. कहा जाता है कि इससे हमारी आंखो को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए इसे देखने के लिए टेलीस्कोप या सोलर फिल्टर चश्में का उपयोग किया जाता है.

देश की राजधानी दिल्ली के आसमान में इस तरह दिखा सूर्य ग्रहण

जानें पटना में कब दिखेगा रिंग ऑफ फायर

पटना में सूर्यग्रहण सुबह 10.37 बजे से शुरू हो चुका है. पटना में सूर्यग्रहण 12.25 बजे अपने चरम स्थिति में रहेगा. पटना में 12 बजकर 25 मिनट पर रिंग ऑफ फायर दिखेगा. वहीं, दोपहर 2.09 बजे (2.09 PM) में खत्‍म होगा. इस तरह, राजधानी पटना में सूर्यग्रहण तीन घंटा 33 मिनट तक दिखेगा. इस दौरान लोगों को नंगी आंखों से देखने की मनाही की गई है.

पंजाब: अमृतसर के आसमान में देखा गया इस तरह का सूर्य ग्रहण

सूर्यग्रहण पाकिस्तान के कराची में देखा गया. पाकिस्तान के मौसम विभाग के अनुसार, सूर्य ग्रहण, जो स्थानीय समयानुसार सुबह 8:46 बजे शुरू हुआ, 2:34 बजे सबसे बड़े ग्रहण के साथ 11:40 बजे समाप्त होगा.

लग चुका है इस साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण

इस समय साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लग चुका है. इस सूर्य ग्रहण को लेकर सरकार ने भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. बता दें कि यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण है, जिसमें सूर्य किसी चमकीले छल्ले की तरह नजर आता है. इस दौरान सूर्य का करीब 99 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा की छाया में छिप जाता है.

अब कुछ ही देर में देखने को मिलेगा ग्रहण का अनोखा नजारा

मुंबई, दिल्ली और नोएडा जैसे महानगरों में इस समय सूर्य ग्रहण लग चुका है. जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है वैसे ही देश के अन्य हिस्सों में भी ग्रहण का अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है. यह ग्रहण दोपह के 3 बजे तक रहेगा. अब बस कुछ ही देर में रिंग ऑफ फायर का नजारा देखने को मिलेगा.

रिंग ऑफ फायर के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार

सूर्य ग्रहण कई जगहों पर देखा जा रहा है. अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलक प्रकार के देखने को मिल रहा है. सूर्य ग्रहण होने में कम से कम 1 घंटा बीत चुका है. अब से थोड़ी देर बाद आप रिंग ऑफ फायर का अनोखा नजारा देख सकेंगे. रिंग ऑफ फायर में चांद करीब 99 प्रतिशत सूर्य का भाग ढक जाता है. जिस कारण सूर्य के किनारे रिंग के आकार की आकृति दिखाई देने लगती है.

महाराष्ट्र: मुंबई के आसमान में देखा गया इस तरह का सूर्य ग्रहण

लग चुका है सदी का सबसे बड़ा ग्रहण, भूलकर भी न करें ये गलती

पूरे देश में सूर्य ग्रहण लग चुका है. देश के अलग-अलग हिस्सों में सूर्य ग्रहण आप टीवी चैनलों पर देख सकते है. यूं तो चांद का ज्यादातर हिस्सा छिप जाएगा लेकिन फिर भी इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोलर व्यूइंग ग्लासेज (Solar viewing glasses) या टेलिस्कोप-दूरबीन जैसे स्पेशल फिल्टर्स का इस्तेमाल करना चाहिए. सूरज को सीधे देखने से आंखों का पर्दा खराब हो सकता है और हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जा सकती है.

जानें- किस शहर में कितने बजे से सू्र्य ग्रहण

दिल्ली सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 20 मिनट से

मुंबई सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 43 सेकंड से

चेन्नई सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 22 मिनट से

लखनऊ सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 26 मिनट से

कानपुर सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 24 मिनट से

कुरुक्षेत्र सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 21 मिनट से

पटना सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 37 मिनट से

आगरा सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 20 मिनट से

देहरादून सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 24 मिनट से

शिमला सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 23 मिनट से

कोलकाता सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 46 मिनट से

विशाखापट्टनम सूर्यग्रहण समय सुबह 10 बजकर 30 मिनट से

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें

भारत में बस अब कुछ देर में सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा. इस समय में भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है, जिससे बचने के लिए भगवान का ध्यान करते रहना चाहिए.

कुछ ही देर में ग्रहण होगा शुरू

सूर्य ग्रहण अब कुछ ही देर में दिखेगा, अब कुछ ही मिनट बाकी है. ग्रहण धीरे-धीरे आंशिक सूर्य ग्रहण के तौर लगना शुरू होगा. फिर जैसे जैसे समय बीतेगा तब ग्रहण अपने चरम की तरफ बढ़ना शुरू हो जाएगा. दोपहर के समय पर सूर्य अंगूठी की भांति चमकता हुआ दिखाई देगा.

अब लग गया है सूर्य ग्रहण, आंख के रोगी इसे भूलकर भी न देखें

सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो गई है. सूर्य ग्रहण को ना देखे तो ही अच्छा रहेगा. आंख क रोगी इस ग्रहण का बिलकुल ही ना देखें, नहीं तो आंख को नुकसान पहुंच सकती है.

नग्न आंखों से ना देखें सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. विज्ञान के अनुसार नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है. सोलर फिल्टर चश्मे या फिर टेलीस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण देख सकते हैं. इसके अलावा सूर्य ग्रहण देखने के लिए बाजार में कई सर्टिफाइड चश्में उपलब्ध हैं.

बस आप हो जाइए तैयार, अब शुरू हागा ग्रहण

अब चंद मिनटों में ग्रहण शुरू हो जाएगा. ग्रहण 09 बजकर 15 मिनट पर लगेगा.

विशेष टेलीस्कोप से सूर्यग्रहण को रिकॉर्ड किया जाएगा

लद्दाख में तनाव के बीच एलएसी से सटा हनले गांव में सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना को अन्य क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा साफ और करीब से दिखेगा. एलएसी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित इंडियन एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी हनले में विशेष टेलीस्कोप से सूर्यग्रहण को रिकॉर्ड किया जाएगा.

जानें कहां-कहां दिखाई देगा वलयाकार सूर्यग्रहण

यह ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, यूएई, इथोपिया और कांगो में दिखाई देगा. भारत में हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ शहरों में वलयाकार सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा. वहीं जयपुर, दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, शिमला और लखनऊ जैसे शहरों में आंशिक सूर्यग्रहण ही दिखाई देगा.

यहां देखें पूर्ण सूर्य ग्रहण का लाइव अपडेट

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अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा

आज अब थोड़ी ही देर में ग्रहण शुरू होने वाला है. 09 बजकर 15 मिनट से सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी. इस सूर्य ग्रहण को कंकणाकृति खंडग्रास ग्रहण कहा जाता है. इसे चूणामणि ग्रहण के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या पर यह ग्रहण लगने के कारण अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा. इससे पहले किए गए श्राद्ध कर्म का कोई महत्व नहीं होगा.

कुछ ही घंटे बाद लगेगा इस साल का पहला और सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण

सूतक काल शनिवार की रात से ही शुरू हो गया है. यह ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है. मिथुन - सिंह राशि वाले को इस समय सावधान रहना होगा, ग्रहण के दौरान हनुमान जी की पूजा करने पर कल्याण होगा.

ग्रहण में राशि के अनुसार क्या दान करने की है मान्यता

मेष - लाल कपड़े, गेहूं और तिल का दान करना शुभ रहेगा. शीघ्र ही हर मनोकामना पूरी हो सकती है.

वृष - सूती कपड़ों का दान करें. जल, दूध और सफेद तिल का दान करना चाहिए.

मिथुन और कर्क राशि वाले करें ये उपाय

मिथुन - गाय को हरी घास खिलाएं। श्रद्धा अनुसार गणेश मंदिर में दान करें.

कर्क - गंगाजल, दूध से बनी मिठाइयां और सफेद कपड़े दान करें.

ग्रहण पर सिंह व कन्या राशि वालों को ऐसा करने से हो सकता है फायदा

सिंह - लाल कपड़ा, कंबल या चादर का दान करें.

कन्या - हरे मूंग, धान, कांसे के बर्तन या हरे कपड़ों का दान करें

तुला और वृश्चिक राशि वाले करें ये काम

तुला राशि - किसी मंदिर में फल, रुई या घी का दान करें.

वृश्चिक राशि-भूमि, लाल वस्त्र, सोना, तांबा, केसर, कस्तूरी का दान करना चाहिए.

बेहद खास है आज का दिन

21 जून यानी आज का दिन बेहद ही खास है. आज देशभर में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जिसका वैज्ञानिक, धार्मिक और ज्योतिष महत्व होता है. आज ही के दिन विश्व योग दिवस भी मनाया जाता है. इसके साथ ही आज का दिन यानी 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन भी होता है.

ग्रहण के दौरान भजन-किर्तन करना चाहिए

ग्रहण काल में भजन करने से मन एकाग्र रहता है. ग्रहण काल में आपसी विवाद और झगड़ों को त्यागकर पूरा ध्यान सिर्फ भगवत के भजन पर लगाना चाहिए.

सूर्य ग्रहण देखने के लिए इन चीजों को अपनाएं

सूर्य ग्रहण देखने के लिए साधारण चश्मे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सोलर व्यूइंग ग्लास, सोलर फिल्टर या आइक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा एक्स-रे फिल्म से भी साधारण: सूर्य ग्रहण की घटना को देखा जा सकता है. दूरबीन या पिनहोल द्वारा देखने से नुकसान पहुंच सकता है.

कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण का मुख्य केंद्र

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण का मुख्य केंद्र रहेगा. यह टीम शोध के लिए ब्रह्मसरोवर और आसपास के क्षेत्र में दो टेलीस्कोप लगाएगी. टेलीस्कोप वहां पर स्थापित किए जाएंगे जहां पर आकाश में सूर्यग्रहण के समय दो मीटर नीली लाइन नजर आएगी.

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए करना होगा विशेष पूजा

आज 09 बजकर 15 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा. ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए विशेष पूजा करना होगा. सूर्यग्रहण के समय सूर्य मंत्र का जाप करें: सूर्य ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान लोगों को सूर्य मंत्र सहित निम्नलिखित मंत्रो का जाप करना चाहिए.

इन मंत्रों का करें जाप: सूर्य मंत्र: ‘ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ’ के अलावा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’

ग्रहण लगने के 3 महीने बाद तक पड़ सकता है प्रभाव

ग्रहों के वक्री होने से सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव होंगे. ग्रहण लगने के 15 दिन पहले और 15 दिन से लेकर (कुछ राशियों को 3 महीने बाद तक) संभलकर रहने की जरूरत होती है.

जानिए 2020 में कुल कितने लग रहे ग्रहण

  • - पहला चंद्र ग्रहण: 10-11 जनवरी,

  • - दूसरा चंद्र ग्रहण : 5 जून

  • - तीसरा सूर्य ग्रहण : 21 जून

  • - चौथा चंद्र ग्रहण : 5 जुलाई

  • - पांचवा चंद्र ग्रहण: 30 नवंबर

  • - छठा सूर्य ग्रहण : 14 दिसंबर

कब शुरू होगा सूर्यग्रहण :

राजधानी दिल्ली में इसकी शुरुआत सुबह 10:20 बजे से होगी और दोपहर 01:49 बजे पर खत्म होगा. अलग-अलग शहरों में समय में अंतर हो सकता है. ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले यानी शनिवार, 20 जून की रात 09:52 से सूतककाल मान्य होगा.

सूर्यग्रहण के बुरे प्रभाव से बचाता है जौ

ग्रहण के समय जौ का प्रयोग भी किया जा सकता है. सूर्यग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए जौ को जेब में रख सकते हैं. साथ ही जौ के प्रयोग से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती है.

ग्रहण के बाद दान करना चाहिए

ग्रहणकाल को अशुभकाल माना जाता है, यह भी मान्यता है कि इस दौरान बुरी शक्तियां ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, इसलिए ग्रहण के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए ग्रहण के दौरान गरीबों को दान करना चाहिए है. ऐसा करने से ग्रहों की शांति भी बनी रहती है.

ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ये कार्य

ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए सोमवार को केसर की खीर कन्याओं को खिलाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा शिवजी की पूजा करने एवं चावल दान करने को भी कहा जाता है.

ग्रहण के दौरान बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान

ग्रहण के दौरान बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दौरान गरीब और जरूरतमंदों का भी ध्यान रखने की बात की जाती है. ग्रहण के दौरान अपशब्द कहने पर भी मनाही रहती है. ऐसा मानना है कि अपशब्द कहने से शनि महाराज नाराज हो जाते हैं.

सूर्यग्रहण में 12 घंटे पहले लगता है सूतक

धर्म शास्त्रों में कहा गया है-"सूर्य ग्रहेतु नाश्नियात्‌ पूर्वम्‌ याम्‌ चतुष्टयम। चंद्रग्रहेतु याम्श्रिन बाल वृद्धा तुरैविना॥" अर्थात सूर्य ग्रहण में 12 घंटा और चंद्र ग्रहण में नौ घंटा पहले सूतक काल लग जाता है. इस वधि में बालक, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य लोगों को भोजन नहीं करना चाहिए.

Grahan Time : 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल शुरू हो जाता है

सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रहण से तकरीबन 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल शुरू हो जाता है. इस तरह 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून यानि आज शनिवार रात को 9 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूतक काल के दौरान किसी तरह के पूजा पाठ और भोजन को निषेध माना गया है.

Solar Eclipse 21 June 2020 : सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की स्वायत्त संस्था आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एआरआईईएस या एरीज) की ओर से कल यानी 21 जून को सूर्य ग्रहण का लाइव टेलिकास्ट करने का इंतजाम किया गया है.

फेसबुक पर सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग यहां देखें Facebook Link:

https://www.facebook.com/aries.nainital263002/live

यूट्यूब पर सूर्य ग्रहण यहां देख सकते हैं YouTube Link:

https://www.youtube.com/channel/UCG2LKvORv_L2vBL4uCuojnQ

आज रात में मंदिरों के बंद हो जाएंगे कपाट

ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते है. आज रात में ग्रहण का सूतक काल लग जाएगा. सूतक लगने से मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे. पांच सौ साल बाद ऐसी स्थिति बनने जा रही है जब इस दिन एक साथ छह ग्रह वक्री होंगे. सूर्य कर्क रेखा पर होगा, इससे यह वर्ष का सबसे बड़ा दिन भी होगा. इस दिन राहु, केतु के साथ, बुध, शुक्र, गुरु और शनि वक्री होंगे.

क्या है ग्रहण सूतककाल

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, किसी भी पूर्ण ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और ग्रहण के 12 घंटे बाद का समय ग्रहण सूतककाल कहलाता है. मान्यता है कि इस दौरान मंदिरों में पूजा पाठ या कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता. सूतककाल समाप्त होने के बाद ही मंदिर खुलते हैं और लोग पूजा अनुष्ठान शुरू करते हैं.

जानिए भारत में कैसा दिखेगा सूर्य ग्रहण का नजारा

इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. लेकिन यह ग्रहण हर स्थान पर वलयाकार रूप में नहीं दिखेगा. भारत में देहरादून, चमोली, कुरुक्षेत्र, मसूरी, टोहान क्षेत्र में ग्रहण का कंकण (वलयाकार) यानि खग्रास रुप दिखाई देगा. लेकिन कई जगहों पर जैसे कोलकाता, हैदराबाद, शिमला, चेन्नई, मुंबई, चंडीगढ़, आदि शहरो में आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखेगा. जानकारी अनुसार नई दिल्ली में सूर्य का 95 प्रतिशत हिस्सा ढका हुआ दिखाई देगा.

जानिए कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा. सभी जगह ग्रहण का समय अलग-अलग रहेगा.

ग्रहण के दौरान इस मंत्र का करें जाप

तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।

हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥

श्लोक अर्थ - अन्धकाररूप महाभीम चन्द्र-सूर्य का मर्दन करने वाले राहु! सुवर्णतारा दान से मुझे शान्ति प्रदान करें.

गंगाजल से करें स्नान

गंगाजल को वैसे भी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है. इसलिए सूर्य ग्रहण के समय गंगाजल का प्रयोग किया जाता है. गंगाजल कभी दूषित नहीं होता है. ग्रहण काल के बाद जल में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए. शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए ग्रहण के बाद स्नान करना जरूरी बताया गया है. इससे सूर्य ग्रहण से निकलने वाले नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है.

सूतक काल से लेकर ग्रहण तक पूजास्थल को ढक कर रखें

आज रात में सूतक काल लग जाएगा. घर में बने पूजास्थल को भी सूतक काल से लेकर ग्रहण तक ढक कर रखें. ग्रहण काल में पढाई शुरू न करें बल्कि ग्रहण के समय से पहले से शुरू कर ग्रहण के दौरान करते रहें तो अच्छा रहेगा. ग्रहण से पहले रात्रि भोज में से खाना न ही बचायें तो अच्छा रहेगा. यदि दुध, दही या अन्य तरल पदार्थ बच जांयें तो उनमें तुलसी अथवा कुशा डालकर रखें इससे ग्रहण का प्रभाव उन पर नहीं पड़ेगा.

सूतक काल से पहले खाने में रखें तुलसी का पत्ता

कल रविवार को सूर्यग्रहण लगेगा. सूर्यग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना पड़ेगा. ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है. आज रात 09:52 बजे से सूतक काल लग जाएगा. मान्यता है कि ग्रहण के समय बना हुआ खाना दूषित हो जाता है, इसलिए भोजन में तुलसी की पत्ता रख दी जाती है. ग्रहण से पहले ही तुलसी का पत्ता खाने में रख देते हैं. जिससे खाना दूषित होने से बच जाता है.

Surya Grahan Timing: ग्रहण का सूतक काल शनिवार 20 जून को ही

Solar Eclipse: साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण 21 जून को लगेगा. ये कई मायनों में खास बताया जा रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार, ग्रहण रविवार सुबह 10.33 बजे से दोपहर 02.04 बजे तक रहेगा. ग्रहण काल का सर्वोच्च प्रभाव दोपहर 12.18 बजे रहेगा. इस ग्रहण का सूतक काल शनिवार 20 जून को ही रात करीब 10.33 बजे ही लग जाएगा. 21 जून को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और इसे 'रिंग ऑफ फायर' (Ring of Fire) भी कहा जा रहा है.

इस तरह का ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है

साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लग रहा है. ये ग्रहण आषाण मास की अमावस्या पर लग रहा है और ये खण्डग्रास सूर्य ग्रहण होगा. बताया जा रहा है कि इस तरह का ग्रहण तकरीबन 900 साल बाद लग रहा है. इसके अलावा रविवार को ग्रहण लगने के कारण इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है. आपको बता दें कि इसी महीने 5 जून को चंद्र ग्रहण भी लग चुका है. एक ही महीने में ये दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है.

जानिए कब लगेगा सूतक काल

शनिवार की रात में ही सूतक काल लग जाएगा. सूतक काल सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. वहीं, चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से शुरू होगा. मान्यता है कि सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते.

रविवार की सुबह 09:15 बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण

रविवार की सुबह 9:15 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा. इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा. यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा. लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है.

ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यताएं

शास्त्रों के नियमानुसार ग्रहण के दौरान भोजन, मल-मूत्र त्याग, मैथुन अशुभ माना गया है. इसी के साथ किसी भी तरह के शुभ कार्य पूजा पाठ इत्यादि काम भी इस दौरान नहीं किए जाते है, जब से सूतक काल शुरू हो जाता है उस समय से लेकर ग्रहण काल तक भूलकर भी तुलसी नहीं छूना चहिए.

जानिए कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण भारत सहित दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं हैं तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं. जब चंद्रमा सूर्य की किरणों को पृथ्वी की सतह पर जाने से रोक देता है तो पूर्ण, आंशिक या फिर वलयाकार रूप से ग्रहण लगता है.

गभवर्ती महिलाएं इन बातों पर दें ध्यान

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्‍त एहतियात बरतनी होती है. बालक, बुजुर्ग और मरीजों को छोड़कर दूसरे लोगों को भोजन का त्‍याग करना चाहिए. खासकर, गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र का जाप करने के लिए कहा जाता है. ग्रहण के दौरान लोगों को पानी पीने से भी बचना चाहिए. ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता है. इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है.

भूलकर भी न करें ये गलती

अगर आप ग्रहण को देखना चाहते है तो आप इसे नग्न आंखों से बिल्कुल ही न देखें. सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव आंखों पर पड़ता है. इसे नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए. नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है.

सूर्य के वलय पर दिखाई देगा पूरे आकार का चांद

रविवार की सुबह सूर्य ग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के वलय पर चांद अपने संपूर्ण आकार में दिखाई देगा. यहां सूर्य का केंद्रीय भाग पूरी तरह से अंधेरा यानी काला दिखाई देगा, सूर्य के किनारों पर जरूर चमक बनी रहेगी. इस प्रकार के ग्रहण को दुनिया में चुनिंदा स्‍थानों पर ही देखा जाता है. कई जगहों पर ग्रहण दिखाई तो देता है लेकिन वह आंशिक होता है.

जानिए 2020 में कुल कितने लग रहे ग्रहण

- पहला चंद्र ग्रहण: 10-11 जनवरी,

- दूसरा चंद्र ग्रहण : 5 जून

- तीसरा सूर्य ग्रहण : 21 जून

- चौथा चंद्र ग्रहण : 5 जुलाई

- पांचवा चंद्र ग्रहण: 30 नवंबर

- छठा सूर्य ग्रहण : 14 दिसंबर

क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

रविवार को जो सूर्य ग्रहण लग रहा है वह एक दुर्लभ ग्रहण होगा. उस दिन आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा. ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी. आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी. जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा. वहीं, 21 जून को इस साल का सबसे बड़ा दिन होगा और इसी दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. बता दें कि जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के मध्य भाग को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

सूतक काल में किन नियमों का करना चाहिए पालन

ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. सूतक काल 20 जून रात 9 बजकर 25 मिनट से ही लग जाएगा. ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण से 12 घंटे पहले से लेकर खत्म होने के 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है. इस दौरान लोगों को कई सावधानियां बरतनी होगी. इस समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें और सुनसान जगहों पर जानें से बचें. इसके साथ ही कोशिश करें कि ग्रहण से 12 घंटे पहले ही भोजन कर लें. हालांकि, छोटे बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग चार घंटे पहले तक खा सकते हैं.

सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी होगी

विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें (Altra violate Rays) आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं.

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