साल का आखिरी सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान-दान संबंधी कार्य पूरे किए जा सकते हैं. ग्रहण के बाद गरीबों को दान देना अच्छा माना गया है. स्नान के बाद पूरे घर में गंगा जल छिड़कना चाहिए. घर के मंदिर को भी पूरी तरह शुद्ध होने के बाद साफ करने के बाद पूज-अर्चना करनी चाहिए.
साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण अपनी समाप्ति की ओर है. कुछ मिनटों में ही सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा. सूर्य ग्रहण दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक ही है.
नासा के यूट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण लाइव किया जा रहा है. ये तस्वीर दिन के करीब 2.30 मिनट की है.
सूर्य ग्रहण के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य अवश्य करें. कहते हैं कि इसके पुण्य प्रताप से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है.
सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में होगी. भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 59 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर होगी.
सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं.
सूर्य ग्रहण की तिथि: 4 दिसंबर, शनिवार.
सूर्य ग्रहण का आरंभ: प्रातः10:59 बजे से,
सूर्य ग्रहण समाप्त: दोपहर 03:07 मिनट पर.
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
इस मंत्र के जाप से सभी बुरी शक्तियां नष्ट होती हैं. ज्योतिषों के अनुसार ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करने से राहु-केतु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.
4 दिसंबर को लगने वाले ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है. सूतक काल उसी ग्रहण का माना जाता है जो ग्रहण अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो.
बता दें कि साल का यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए यहां पर सूर्य ग्रहण का कोई सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार भगवान भास्कर के नाम का जाप करते रहना चाहिए. इससे संकट दूर होते हैं और राशि पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव भी दूर होते हैं।.
सूर्य ग्रहण की तिथि: 4 दिसंबर, शनिवार.
सूर्य ग्रहण का आरंभ: प्रातः10:59 बजे से,
सूर्य ग्रहण समाप्त: दोपहर 03:07 मिनट पर.
हिंदू पंचांग अनुसार सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या के दिन शनिवार को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा. इस दिन लगने जा रहे सूर्य ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है. इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा. सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बनती है. राजनैतिक रूप से उथल-पुथल के संयोग बनते हैं.
आज यानी 4 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्य ग्रहण को बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि इसी दिन शनि अमावस्या भी है. ज्योतिष की दृष्टिकोण से बात करें तो सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक ही दिन पड़ना अद्भुत संयोग है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शनि देव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है. यदि सूर्य और शनि दोनों ग्रह एक साथ प्रसन्न हों तो बहुत ही अच्छा होता है. ऐसे में दोनों शुभ फल देने वालें हो इसके लिए शनि और सूर्य दोनों के लिए दान करना जरूरी है.
04 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा.
मिथुन राशि (Surya Grahan 2021) वालों के संघर्ष समाप्त होंगे और नौकरी प्राप्त होने के योग बनेंगे. कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होगी. कन्या राशि वालों के साहस में बढ़ोतरी होगी.जीवन में सफलता मिलेगी. मकर राशि वालों की आमदनी में बढ़ोतरी के प्रबल आसार हैं. वरिष्ठ लोगों से संबंध मजबूत होंगे. कुंभ राशि वालों के लिए समय अनुकूल रहेगा.
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
इस मंत्र के जाप से सभी बुरी शक्तियां नष्ट होती हैं. ज्योतिषों के अनुसार ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करने से राहु-केतु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.
4 दिसंबर का सूर्य ग्रहण एक ध्रुवीय ग्रहण के रूप में दिखाई देगा, जो अंटार्कटिका महाद्वीप पर होगा. यह भारत से दिखाई नहीं देगा. यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अलावा दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी अटलांटिक के देशों से दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण तब होता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. यह खगोलीय घटना चंद्रमा के सूरज और धरती के बीच आ जाने के कारण होती है.
सूर्य ग्रहण मेष राशि वालों के लिए बिल्कुल भी शुभ नहीं है. ग्रहण के बाद उनके स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है, साथ ही दुर्घटना होने की भी संभावना है. ऐसे में उन्हें सतर्क रहने की सख्त आवश्यकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन सूर्य देव की अराधना करें.भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें. ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें. ऐसी मान्यता है कि इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य अवश्य करें. कहते हैं कि इसके पुण्य प्रताप से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है.
सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं.
इस ग्रहण का सूतक काल नहीं लग रहा है. ज्योतिष अनुसार उसी ग्रहण का सूतक माना जाता है जो अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो.चूंकि भारत में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. बता दें सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते.
इसकी दृश्यता अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में होगी. भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 59 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर होगी.
बता दें कि साल का यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए यहां पर सूर्य ग्रहण का कोई सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा. इस ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है। साथ ही इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा. सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है. साथ ही राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है.
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते. सूतक काल की अवधि में खाना बनाना और पकाना दोनों मना होता है. भगवान की मूर्ति और तुलसी का पौधा स्पर्श नहीं कर सकते. इस दौरान सोने से भी बचना चाहिए.
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) के दौरान सूर्य देव की आराधना करना सर्वाधिक उपयुक्त होता है. भगवान शिव भगवान शिव के किसी भी मंत्र का जाप करना आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन सूर्य देव की अराधना करें. भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें. ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें. ऐसी मान्यता है कि इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान बाजार जाना और खरीदारी करना दोष माना जाता है. इस दौरान सिर्फ भगवान का जप करना और आराधना करना ही श्रेष्ठ है.
4 दिसंबर को लगने वाले ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है. सूतक काल उसी ग्रहण का माना जाता है जो ग्रहण अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो.
ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से करीब 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते.
4 दिसंबर को लगने वाले ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है. सूतक काल उसी ग्रहण का माना जाता है जो ग्रहण अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो.
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) के दौरान सूर्य देव की आराधना करना सर्वाधिक उपयुक्त होता है. भगवान शिव भगवान शिव के किसी भी मंत्र का जाप करना आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है.
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अनुसार सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की मनाही होती है. इस दौरान लोगों को सावधान रहना चाहिए और आंखों की सुरक्षा के लिए ‘एक्लिप्स ग्लास’ का इस्तेमाल करें.
ग्रहण 4 दिसंबर को लगने जा रहा है. भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी और इसकी समाप्ति 3 बजकर 7 मिनट पर होगी। ये सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण में दिखाई देगा.
गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान खास देखभाल की जरूरत होती है. कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चे पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में महिलाएं घर के अंदर ही रहें.
सूर्य ग्रहण के समय भोजन न तो पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए. बल्कि ग्रहण लगने से पहने खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए. ग्रहण काल में भगवान की पूजा भी नहीं की जाती. इस दौरान कई मंदिरों के कपाट तक बंद कर दिये जाते हैं.
सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है। ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं.
आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 10:59 बजे शुरू होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा और अधिकतम ग्रहण दोपहर 01:03 बजे लगेगा. पूर्ण ग्रहण दोपहर 01:33 बजे समाप्त होगा और अंत में आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 3:07 बजे समाप्त होगा.
मकर- मकर राशि वालों के जीवन में बड़ा और लाभकारी परिवर्तन होने के शुभ संयोग बन रहे हैं.
कुम्भ- कुम्भ राशि के लोगों को कार्यों में सफलता मिलेगी. ग्रहण के दौरान बन रहा संयोग शुभफल देने वाला होगा.
मीन- मीन राशि के लोगों को निर्णय लेने से पहले अत्यधिक सोच-विचार करने की जरूरत है. विवाह के मामले में सावधानी बरतें.
तुला- तुला राशि के लोगों को पारिवारिक जीवन का ध्यान रखना चाहिए. दुर्घटनाओं के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है.
वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों को प्रत्येक कार्य करने से पहले अच्छी तरह से सोचने और निर्णय लेने से पहले पूरी सावधानी रखने की जरूरत है.
धनु- धनु राशि के लोगों को दुर्घटना के प्रति सावधान रहने की जरूरत है. अपयश से अपना बचाव करें.
कर्क- कर्क राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है.
सिंह- सिंह राशि के लोग व्यर्थ की चिंता और विवाद में फंस सकते हैं. ध्यान रखें.
कन्या- कन्या राशि वालों के रुके हुए काम पूरे होंगे. संयोग शुभफल देने वाला बनेगा.
मेष- मेष राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत होगी. दुर्घटना के संयोग बन सकते हैं. सावधान रहने की जरूरत है.
वृष- वृष राशि के लोग अपने व्यापार और वैवाहिक वाहिक जीवन पर ध्यान दें. ग्रहण को अशुभ असर हो सकता है.
मिथुन- मिथुन राशि के लोगों पर शुभ प्रभाव होगा. बाधाएं समाप्त होने के संयोग बन रहे हैं.
ज्योतिष की दृष्टिकोण से बात करें तो सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक ही दिन पड़ना अद्भुत संयोग है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शनि देव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है. यदि सूर्य और शनि दोनों ग्रह एक साथ प्रसन्न हों तो बहुत ही अच्छा होता है. ऐसे में दोनों शुभ फल देने वालें हो इसके लिए शनि और सूर्य दोनों के लिए दान करना जरूरी है.
4 दिसंबर का सूर्य ग्रहण 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. इस सूर्य ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका और अटलांटिक के दक्षिणी भाग में देखा जा सकेगा. 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भी सूतक काल मान्य नहीं होगा.
हिंदू पंचांग अनुसार सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या के दिन शनिवार को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा. इस दिन लगने जा रहे सूर्य ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है. इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा. सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बनती है. राजनीतिक रूप से उथल-पुथल के संयोग बनते हैं.
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है, साथ ही इस दिन दान करने का बहुत ही खास महत्व है. इस बार शनि अमावस्या 4 दिसंबर 2021 को है. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है.
मार्गशीर्ष या अगहन माह की अमावस्या तिथि 4 दिसंबर, दिन शनिवार को है. अमावस्या तिथि 03 दिसंबर को शाम 04 बजकर 56 मिनट से शुरू हो कर 04 दिसंबर को दोपहर में 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. चूंकि इस दिन शनिवार है इसलिए शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है.
4 दिसंबर 2021 को इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे की होगी. भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण सुबह 10.59 बजे शुरू होगा और ग्रहण दोपहर 03.07 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण का परमग्रास एक मिनट 54 सेकेंड समय का होगा. मतलब 1 मिनट 54 सेकंड तक सूर्य का सर्वाधिक हिस्सा चांद की छाया से ढका रहेगा.
भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण सुबह 10.59 बजे शुरू होगा. यह ग्रहण दोपहर 03.07 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण का परमग्रास एक मिनट 54 सेकेंट समय का होगा. इसका अर्थ यह हुआ कि लगभग दो मिनट तक सूर्य का सर्वाधिक हिस्सा चांद की छाया से ढंका रहेगा. यह सूर्य ग्रहण अफ्रीका महादेश, दक्षिण अमेरिका और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा.
शनि के प्रभाव से पीड़ित लोगों के लिए यह अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है. इसी के साथ मान्यता है कि इस दिन दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चों का भी खास ख्याल रखें. अगर बच्चे ग्रहण देखना भी चाहते हैं, तो माता-पिता की देखरेख में ही देखें.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से आठ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. वेदों और पुराणों के अनुसार सूतक चार प्रकार के होते हैं. जिनमें से एक ग्रहण का सूतक भी है. कहा जाता है कि ग्रहण का सूतक गंभीर परिणाम देता है. सूर्य और चंद्रमा के ग्रहण के कारण परिवर्तनशील राशियों को छोड़कर सभी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है. इसलिए सभी को इस समय सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए विशेष दान और पूजा करनी चाहिए.
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अनुसार सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की मनाही होती है. इस दौरान लोगों को सावधान रहना चाहिए और आंखों की सुरक्षा के लिए ‘एक्लिप्स ग्लास’ का इस्तेमाल करें.
ज्योतिष आचार्य की मानें तो चार दिसंबर को लगने वाला सूर्यग्रहण के दिन शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2021) भी है. ज्योतिष की दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक हीं दिन पड़ना अद्भुत संयोग है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनि देव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है. यदि सूर्य और शनि दोनों ग्रह एक साथ प्रसन्न हो तो लोगों को उत्तम फल मिलता है. ग्रहण के समय जरूरतमंदों और ब्राह्मण को दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और सभी मनोकामना पूर्ण होती है.
इस ग्रहण में सूर्य (Surya Grahan 2021) का संयोग केतु से बनने जा रहा है. साथ ही इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा. सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है. साथ ही राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है. वृश्चिक राशि विष की राशि है, इसलिए बीमारियां और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं. इसके अलावा, आकस्मिक दुर्घटना और त्रासदी जैसी स्थितियां बन सकती हैं.
सूर्य ग्रहण की तिथि: 4 दिसंबर, शनिवार.
सूर्य ग्रहण का आरंभ: प्रातः10:59 बजे से,
सूर्य ग्रहण समाप्त: दोपहर 03:07 मिनट पर.