आज मंगलवार यानि 16 नवंबर को सूर्य तुला राशि के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं.दोपहर 12:59 बजे इनका यह गोचर होगा। जिसके बाद करीब एक माह तक यह इसी राशि में रहेंगे. 6 दिसंबर को ये 3:40 बजे गोचर कर धनु में प्रवेश करेंगे.
तुला राशी में सूर्य नीच होकर अशुभता देंगे, जबकि वृश्चिक राशी के सूर्य को भी ज्योतिष अनुसार खराब फल देने वाला बताया गया है. इस नाते जिनकी भी जन्म कुंडली में सूर्य को पितर दोष लगा हुआ है, सूर्य नीच राशी का है उनको अगले आने वाले 40 दिनों तक सूर्य गोचर के दौरान नौकरी में समस्या, सामाजिक मानहानि, प्रतिष्ठा की कमी, पिता पुत्र से विवाद की सम्भावना रहेगी.
लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है . जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य पिता पुत्र और सरकार से सुख, रोग प्रतिरोधक क्षमता, बोस और बड़े अधिकारियों की तरफ से सुख और सहयोग ,प्रतिष्ठा का कारक है, और सूर्य का गोचर चंद्र कुण्डली के 1, 3, 5, 6, 9, 10, 11वे भाव में शुभता देता है जबकि अन्य भाव में सूर्य का गोचर कष्टकारी होता है.
ज्योतिष अनुसार सूर्य के शुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र के सुख में वृद्धि, सरकार से लाभ, नोकरी में तरक्की और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है जबकि सूर्य के अशुभ प्रभाव के रूप में पिता पुत्र में आपसी वैर विरोध, सरकार से दण्ड, नोकरी में अपमान और तरक्की में रुकावट आती है. इस नाते जिन को भी सूर्य के अशुभ फल मिल रहे हो उनको सूर्य के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए रविवार के दिन आटा, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, कोई अनाज के दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए .
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/954529847