सुशील कुमार एक ऐसा नाम जो भारतीय कश्ती का प्रयाय बन चुका है. जिसने भारतीय कुश्ती को दुनिया के सामने नयी पहचान दिलायी. सुशील ने भारत को ओलंपिक में एक नहीं दो-दो पदक दिलाये. छत्रसाल स्टेडियम में सुशील ने कुश्ती के दांव सीखे और बुलंदियों को छुआ, लेकिन उसी स्टेडियम में एक गलत दांव लगाने के कारण अपना सारा कमाया हुआ, एक-एक कर गंवाते जा रहे हैं. पहले शौहरत गयी, अब नौकरी भी छीन गयी. बचा हुआ पद्म अवार्ड पर भी खतरा मंडराने लगा है.
अब खबर आ रही है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से भी सुशील को बाहर किया जा सकता है. सुशील को ग्रेड ए में जगह मिली थी, जिसके आधार पर उन्हें 30 लाख रुपये सौलरी मिलती है.
रेलवे ने नौकरी से किया सस्पेंड
हत्या के आरोप में गिरफ्तार सुशील कुमार को उत्तर रेलवे ने नौकरी से सस्पेंड कर दिया. सुशील उत्तर रेलवे में वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे. वो 2015 से दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर थे और स्कूल स्तर पर खेल के विकास के लिए छत्रसाल स्टेडियम में एक विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात थे.
अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर हो सकते हैं सुशील
सुशील को अगले महीने होने वाली समीक्षा बैठक के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर किया जा सकता है. उन्हें ग्रेड ए में शामिल किया गया था, जिसमें उन्हें 30 लाख रुपये की सैलरी मिलती है.
पद्म अवार्ड पर भी खतरा
सुशील कुमार से पद्म अवार्ड भी छिनने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि इतने बड़े आरोप के बाद किसी खिलाड़ी से पद्म अवार्ड वापस लिया गया हो. सुशील कुमार तीन अवार्डधारी हैं. उन्हें 2005 में अर्जुन अवॉर्ड और 2011 में पद्म श्री से स्म्मानित किया गया था. इसके अलावा सुशील कुमार को खेल के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है.
दरअसल छत्रसाल स्टेडियम में एक युवा पहलवान सारग धनकड़ की हत्या मामले में सुशील कुमार इस समय पुलिस की गिरफ्त में हैं. उनसे लगातार पूछताछ चल रही है. पुलिस के अनुसार 4 और 5 मई के दौरान सुशील कुमार और उनके दोस्तों के कथित रूप से हमले में 23 वर्षीय पहलवान सागर धनकड़ की मौत हो गई और उसके दो दोस्त घायल हो गए थे. घटना के पीछे वजह मॉडल टाउन इलाके में स्थित एक संपत्ति को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है.
हत्या के बाद सुशील और उनके दोस्त 18 दिनों तक थे फरार
मालूम हो हत्या की घटना के बाद सुशील कुमार और उनके दोस्त करीब 18 दिनों तक फरार चल रहे थे. सुशील इस दौरान कई जगह पर छुपत रहे और पुलिस से किसी अपराधी की तरह बचने की कोशिश करते रहे. बाद में पुलिस ने इनके ऊपर 1 लाख रुपये इनाम की घोषणा कर दी थी.