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Varanasi News: काशी विश्वनाथ धाम की पूजा पर सूतक का ’ग्रहण’, मुख्य अर्चक पर पूर्व न्यासी का आरोप, जांच की मांग

पूर्व न्यासी प्रदीप कुमार बजाज ने बताया कि 5 दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र के चचेरे भाई के पुत्र का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया था. श्रीकांत मिश्र के चचेरे भाई रविकांत मिश्रा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर गांव में रहते हैं...

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2021 5:32 PM

Varanasi News: काशी विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूजा कराने को लेकर एक नया विवाद सामने आ गया है. आरोप लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी की पूजा कराने वाले अर्चक श्रीकांत मिश्र ने सूतक काल में रहते हुए पूजा कराई थी. हालांकि, पूजन कराने वाले मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र इस बात को नकार रहे हैं.

दरअलस, महाराष्ट्र के वर्धा स्थित सर्वसेवा संघ के अध्यक्ष और काशी विश्वनाथ धाम के पूर्व न्यासी प्रदीप कुमार बजाज ने पीएम मोदी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और धर्मार्थ कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर शिकायत की और कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सूतक काल में पूजा कराकर मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र ने सनातन धर्म में अनिष्ट को आमंत्रण दिया है.

यह है पूरा मामला

इस संबंध में पूर्व न्यासी प्रदीप कुमार बजाज ने बताया कि 5 दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र के चचेरे भाई के पुत्र का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया था. श्रीकांत मिश्र के चचेरे भाई रविकांत मिश्रा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर गांव में रहते हैं. रविकांत मिश्रा के बेटे की मौत सड़क हादसे में 5 दिसंबर को हुई और 6 दिसंबर को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर बॉडी परिजनों को सौंपी थी. उसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया था.

पत्र में पूछा सवाल

पत्र में लिखे गए मजमून के मुताबिक, 18 दिसंबर को त्रयोदशा का कार्यक्रम था. किसी के घर में मृत्यु होने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को सूतक लग जाता है. मृतक का पूरा क्रियाकर्म 13 दिनों तक किसी भी घर का कोई सदस्य पूजा पाठ और मंदिर में नहीं जाता है. फिर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र ने कैसे इतने बड़े आयोजन की पूजा कराई?

पूर्व न्यासी ने दी सफाई

यही नहीं पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने बताया कि आज से 45 वर्ष पहले जनसंघ के घटक दल जनता दल से देवरिया सीट से चुनाव लड़ के जीता था. उस समय सबसे कम उम्र का विधायक चुना गया था. मेरा पूरा परिवार RSS के स्थापना से जुड़ा हुआ है. पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने कहा कि यूपी में कल्याण सिंह की सरकार बनवाने में भी मेरा बहुत बड़ा योगदान था. उन्होंने कहा, ‘मैं ये आरोप किसी राजनीतिक विचारधारा से नहीं एक हिंदू धर्म को मानने वाला और आस्थावान होने के नाते मैंने यह शिकायत की है. आप इस पूरे मामले में जांच कराकर कार्रवाई करें.

आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने भी की थी ऐसी ‘गलती’

प्रदीप बजाज ने कहा कि 1980 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सत्ता में वापस आईं तो कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलापति त्रिपाठी ने सूतक ग्रस्त ब्राह्मणों से पूजा करवाई थी. उसके बाद उसका क्या परिणाम सामने आया, यह मैं नहीं बोल सकता. इस पूरे मामले में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र ने फोन पर बताया कि इस पूरे मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है ये लोग मामला बना रहे है और भ्रम फैला रहे हैं.

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रिपोर्ट : विपिन सिंह

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