शुभेंदु अधिकारी के भगवा दल में जाने के बाद क्या करेंगे पिता शिशिर और दो भाई? पूर्व मंत्री ने ममता बनर्जी पर लगाये गंभीर आरोप

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर मेदिनीपुर के हेवीवेट नेता शुभेंदु अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का भगवा चोला धारण कर लिया है. अमित शाह के मंच से नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने भागवा झंडा हाथ में लेते ही एक नहीं, तीन-तीन बार ‘तोलाबाज भाईपो हटाओ’ का स्लोगन दिया. अब राजनीतिक गलियारे में सवाल उठ रहे हैं कि उनके पिता और भाई अब क्या करेंगे. वे अभी भी तृणमूल कांग्रेस में ही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2020 9:34 PM

मेदिनीपुर : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर मेदिनीपुर के हेवीवेट नेता शुभेंदु अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का भगवा चोला धारण कर लिया है. अमित शाह के मंच से नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने भागवा झंडा हाथ में लेते ही एक नहीं, तीन-तीन बार ‘तोलाबाज भाईपो हटाओ’ का स्लोगन दिया. अब राजनीतिक गलियारे में सवाल उठ रहे हैं कि उनके पिता और भाई अब क्या करेंगे. वे अभी भी तृणमूल कांग्रेस में ही हैं.

शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी वर्ष 1982 में कांग्रेस के टिकट पर कांथी दक्षिण सीट से विधायक निर्वाचित हुए, लेकिन बाद में वह तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य बने. डॉ मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रहे शिशिर अधिकारी फिलहाल तमलूक लोकसभा सीट से सांसद हैं और पूर्वी मेदिनीपुर के तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी हैं.

शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं, जबकि सौमेंदु अधिकारी कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष हैं. पूर्वी मेदिनीपुर जिला में 16 विधानसभा सीटें हैं. पूर्वी मेदिनीपुर के अलावा पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया आदि जिलों की करीब पांच दर्जन विधानसभा सीटों पर इस परिवार का प्रभाव है. अब जबकि शुभेंदु ने पार्टी छोड़ दी है और तृणमूल कांग्रेस पर पूरी ताकत से हमला बोल दिया है, उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पार्टी में मुश्किल आ सकती है.

Also Read: शुभेंदु ने अमित शाह के पैर छूकर लिया आशीर्वाद, बोले, मां के बाद सिर्फ भारत माता को मां बोलूंगा, किसी और को नहीं

शुभेंदु ने ऐतिहासिक मेदिनीपुर स्कूल एंड कॉलेज ग्राउंड में कहा कि ‘निष्काम कर्मयोगियों’ ने तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी. आज उनकी जगह ‘सकाम कर्मभोगियों’ ने ले ली है. पार्टी में इन्हीं का बोलबाला है. कहा, ‘मेरे जैसे लोग, जो त्याग में विश्वास करते हैं, को दरकिनार करके पार्टी में उन लोगों को महत्व दिया जा रहा है, जो ‘भोग’ में विश्वास करते हैं. कहा कि आम लोगों ने तृणमूल को सत्ता सौंपी थी, उनके साथ पार्टी ने विश्वासघात किया.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सबके विकास की जगह अभी कुछ व्यक्ति और उनके परिवार का विकास ही एकमात्र उद्देश्य हो गया है. सत्ता में बैठे ये लोग हमारे महान राज्य को जमींदारी प्रथा में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. समय आ गया है, हमें एक बार फिर अपने आदर्शों की रक्षा के लिए लड़ना होगा. शुभेंदु की ओर से परिवारवाद और त्याग की बात सुनते ही तृणमूल नेता सौगत रॉय ने उन पर पलटवार कर दिया.

Also Read: Amit Shah Rally Today VIDEO: मेदिनीपुर में बंगाल विजय के संकल्प के साथ अमित शाह ने लगाये जय श्री राम के नारे, 20 दिसंबर को बोलपुर में करेंगे रोड शो

बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि उन्होंने तो अधिकारी परिवार के परिवारतंत्र के बारे में कुछ नहीं कहा. ये तो बतायें कि भाजपा में क्यों शामिल हुए? वहीं, फिरहाद हाकिम ने कहा कि और 10 साल तक सत्ता में रहने और भोग करने के बाद अब जाकर याद आया है. जिस तरह से तृणमूल के सीनियर लीडर ने शुभेंदु पर हमला किया है, उसके बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि अब उनके पिता और दो भाइयों का भविष्य क्या होगा?

क्या ये तीन लोग भी भाजपा में शामिल होंगे? या कुछ दिन इंतजार करेंगे और विधानसभा चुनाव करीब आने पर तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो जायेंगे. शुभेंदु ने जंगलमहल की बात तृणमूल को याद दिलायी, तो टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि आप पहले दिन से तृणमूल में नहीं थे. शिशिर अधिकारी (शुभेंदु के पिता) यदि कुछ बोलेंगे, तो हम सुनेंगे भी. आप बोलने वाले कौन होते हैं.

Also Read: Suvendu Adhikari: छात्र राजनीति से निकलकर पश्चिम बंगाल की सियासत में छा गये शुभेंदु अधिकारी

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version