शुभेंदु अधिकारी ने कहा, दिवालिया हो चुकी राज्य सरकार बुनियादी ढांचों के परियोजनाओं के नाम पर कर रही फिजुल खर्च

निर्माण के बाद से इन सुविधाओं का क्या उपयोग हुआ है और सरकार ने इन्हें किराये पर देकर कितनी कमाई की है? श्री अधिकारी ने आरोप लगाया कि इन परियोजनाओं के जरिये अपने मन पसंद ठेकेदारों को नियुक्त कर कटमनी लेने का काम किया जा रहा है.

By Shinki Singh | November 22, 2023 12:17 PM
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नकदी की तंगी से जूझ रही राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहां एक ओर राज्य सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही है और ऐसी परिस्थिति में वह लगातार अप्रासंगिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भारी मात्रा में अनावश्यक खर्च कर रही है. श्री अधिकारी ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर नामक एक विशाल कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के बाद, राज्य सरकार ने नबान्न सभाघर नामक एक और विशाल मीटिंग हॉल का निर्माण किया. उसके बाद अलीपुर में एक और विशाल ऑडिटोरियम धनधान्य ऑडटोरियम और फिर मिलन मेला में 100000 वर्ग फुट का एक और प्रदर्शनी हॉल बनाया.


विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार से इन परियोजनाओं के संबंध में मांगी जानकारी

इन परियोजनाओं पर कई साै करोड़ रुपये खर्च किये गये. इसे लेकर श्री अधिकारी ने राज्य सरकार से पूछा है कि इनमें से प्रत्येक भवन/हॉल/केंद्र के लिए कितने रुपये खर्च किये गये थे? इन्हें बनाने में वास्तविक खर्च कितना आया है? इनके ठेकेदार कौन थे और उनका चयन कैसे किया गया. निर्माण के बाद से इन सुविधाओं का क्या उपयोग हुआ है और सरकार ने इन्हें किराये पर देकर कितनी कमाई की है? श्री अधिकारी ने आरोप लगाया कि इन परियोजनाओं के जरिये अपने मन पसंद ठेकेदारों को नियुक्त कर कटमनी लेने का काम किया जा रहा है.

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शमिक भट्टाचार्य का ममता बनर्जी पर पलटवार

वाणिज्य सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबोधन पर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि निवेश करने आये जिंदल ग्रुप जमीन लौटा कर यहां से चला गया. इसके बावजूद मुख्यमंत्री सम्मेलन में अपनी जीवनी व धार्मिक सौहार्द्र की बात कर रही हैं. उनकी बातें सुन कर ऐसा लग रहा है कि जैसे वह कोई धर्मिक सभा में हैं. उनका कहना था कि पिछली बार जिन उद्योगपतियों को देखा गया था, उनमें से कई उद्योगपति इस बार शामिल ही नहीं हुए. ताजपुर बंदरगाह बनाने का दायित्व जिन्हें दिया गया था, वह भी गैरहाजिर रहे. वहीं, मुख्यमंत्री कह रही हैं कि बंदरगाह बनाने के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जायेगा.

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