भाजपा कार्यकर्ताओं से बोले शुभेंदु अधिकारी, मैं नेता बनने नहीं आया, हर बूथ पर, हर गली में आपके साथ रहूंगा
पश्चिम बंगाल के हेवीवेट नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को अमित शाह की मेदिनीपुर रैली में ‘कमल’ का झंडा थामने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह इस पार्टी में उनका नेता बनने नहीं आये हैं. वह छात्र जीवन से राजनीति कर रहे हैं. सीढ़ियां चढ़कर इस जगह तक पहुंचे हैं. वह एक कार्यकर्ता की हैसियत से हर बूथ पर, हर गली में उनके साथ रहेंगे. उनके साथ काम करेंगे.
खड़गपुर : पश्चिम बंगाल के हेवीवेट नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को अमित शाह की मेदिनीपुर रैली में ‘कमल’ का झंडा थामने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह इस पार्टी में उनका नेता बनने नहीं आये हैं. वह छात्र जीवन से राजनीति कर रहे हैं. सीढ़ियां चढ़कर इस जगह तक पहुंचे हैं. वह एक कार्यकर्ता की हैसियत से हर बूथ पर, हर गली में उनके साथ रहेंगे. उनके साथ काम करेंगे.
श्री अधिकारी ने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी उन्हें देगी, वह उसको पूरी निष्ठा के साथ निभायेंगे. शुभेंदु ने कहा कि यदि पार्टी दरी बिछाने के लिए कहेगी, तो वह उसे भी करेंगे. पार्टी गलियों में झंडा टांगने का दायित्व उन्हें सौंपेगी, तो वह झंडा लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे. वह हर कार्यकर्ता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे. वह भाजपा को मजबूत करने आये हैं, तृणमूल को सत्ता से बेदखल करने आये हैं.
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिया, तो उनकी पुरानी पार्टी के एक साथी ने एक वीडियो क्लिप उन्हें भेजा. उस वीडियो में उन्होंने भाजपा की आलोचना की थी. भाजपा को बंगाल से भगाने की बात कही थी. श्री अधिकारी ने कहा कि वीडियो क्लिप भेजने वाले साथी को उन्होंने जवाब दिया कि वह जहां भी रहते हैं, पूरी शिद्दत के साथ काम करते हैं. वह तृणमूल में थे, इसलिए पार्टी को जिताना उनका दायित्व था.
उन्होंने कहा, ‘हां, मैंने भाजपा की खिलाफत की थी. तब मैं भाजपा में नहीं था. आज मैं भाजपा परिवार में शामिल हो गया हूं. अब मैं उतनी ही शिद्दत से तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की खिलाफत करूंगा.’ शुभेंदु अधिकारी ने रैली से ही ममता बनर्जी को संदेश दे दिया कि वह उन्हें बख्शने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘तब मैंने कहा था भाजपा को हटाओ, आज मैं कह रहा हूं कि तोलाबाज भाईपो को हटाओ, भ्रष्ट तृणमूल को हटाओ.’
श्री अधिकारी ने कहा कि बंगाल और दिल्ली में एक ही पार्टी की सरकार होनी चाहिए. यदि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में चल रही दिल्ली की सरकार का साथ नहीं मिला, तो बंगाल नहीं बचेगा. यहां की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. युवा बेरोजगार हैं. सरकार में बैठे लोगों को बंगाल के लोगों की चिंता नहीं है. सत्तारूढ़ पार्टी में स्वार्थी तत्वों की भरमार है और उन्हीं लोगों को शीर्ष नेतृत्व का संरक्षण भी प्राप्त है.
Posted By : Mithilesh Jha