पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा में संवाददाता सम्मेलन कर स्वरचित किताब का विमोचन किया. उन्होंने अपनी इस किताब का नाम ‘1956’ दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विगत डेढ़ साल के शासन के दौरान उन पर (शुभेंदु) किये गये मामलों को लेकर इस पुस्तक को जारी किया है. इसमें शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ पांच मई 2021 से इस वर्ष 27 नवंबर तक के किये गये मामलों का जिक्र है.
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उन्होंने इस किताब के जरिये राज्य सरकार पर हमला बोला है. श्री अधिकारी ने कहा : मुझे 10 से ज्यादा जगहों पर जाने से रोका गया है. मैंने उनकी तस्वीरें पुस्तक में दी है. मैं कतुलपुर एक किसान के घर जाना चाहता था. पर मुझे रोक दिया गया. मैंने उसकी तस्वीर दी है. मेरे खिलाफ सभी मामले पांच मई 2021 से 27 नवंबर तक के हैं. मैं यहां उन सभी मामलों को पुस्तक के रूप में दे रहा हूं, जो राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में रिपोर्ट किये गये हैं.
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हिंगलगंज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंच पर नाराज होने को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है. शुभेंदु ने ममता बनर्जी द्वारा अधिकारियों पर गुस्सा जाहिर करने को पंचायत चुनाव के पहले का ‘नाटक’ करार दिया है. उन्होंने कहा : ये कैमरे के सामने मुख्यमंत्री के नाटक हैं. बता दें कि मंगलवार को हिंगलगंज की बैठक में ममता बनर्जी वितरण के लिए शीत वस्त्र नहीं रहने पर नाराज हो गयी थीं और लगभग 17 मिनट तक मंच पर बैठी रहीं. उन्होंने मंच पर ग्रामीणों की भारी भीड़ के सामने नौकरशाहों को जमकर डांट लगायी थी.
उन्होंने कहा कि इस किताब की प्रतियां वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे. उन सभी राज्यों में विपक्ष के नेता को भी यह किताब भेजी जायेगी, जहां एनडीए की विरोधी पार्टी शासन कर रही हैं. इसके अलावा देश भर के भाजपा के सांसदों को किताब भेजी जायेगी. शुभेंदु ने कहा मुझमें इतनी औकात नहीं कि मैं बड़ी-बड़ी महंगी किताबें लिख सकूं. मेरी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार यह पुस्तक तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में प्रकाशित हुई है. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी पिछले विधानसभा चुनाव में उनके हाथों 1956 वोट से हार गयी थीं, इसलिए इस किताब का नाम 1956 रखा गया है.
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रिपोर्ट : शिव कुमार राउत