पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा के जीते हुए तीन से चार हजार उम्मीदवारों को जबरन हराते हुए राज्य चुनाव आयोग की ओर से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत का प्रमाण पत्र दिया गया है. हकीकत यह है कि इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस बुरी तरह से हारी है. हम इस नाइंसाफी के खिलाफ अदालत में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा कि भाजपा तकरीबन 47 हजार सीटों पर चुनाव लड़ी, जिसमें से वह 30,000 सीटों पर जीतने का दम रखती है. लेकिन उसके उम्मीदवारों को तृणमूल समर्थित उपद्रवियों व पुलिस के मदद से प्रशासन ने हराया है. इसका प्रमाण उन लोगों के पास है, जिसे लेकर वे अदालत जा रहे हैं. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात को अच्छी तरह से जानती हैं कि पंचायत चुनाव में वह किसी भी कीमत पर नहीं जीतेंगी, इसलिए उन्होंने पुलिस को खुलेआम हिंसा करने का निर्देश दिया था. इसके आधार पर पुलिस सभी नीति-आदर्शों को ताक पर रखती हुई तृणमूल कांग्रेस के कैडर की भूमिका में नजर आयी.
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भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी परिवारवाद के रास्ते पर चलते हुए अपने भतीजे को राजनीति में स्थापित करना चाहती हैं. लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पा रही हैं. वह महसूस करने लगी हैं कि अब उनका जाने का समय आ गया है. लिहाजा जाने के पहले वह अभिषेक बनर्जी को स्थापित करना चाहती हैं. हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं होगा. भाजपा तृणमूल कांग्रेस को छोड़ने वाली नहीं है. हमारी लड़ाई खेत-खलिहान से लेकर अदालत तक जारी रहेगी. जनता पंचायत चुनाव में हुई हिंसा का जवाब लोकसभा चुनाव में देगी. बंगाल की जनता चुप नहीं बैठेगी.
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