Varanasi News: वाराणसी में संत समाज द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की सरकार वापसी को लेकर अपार हर्ष व्यक्त करते हुए सरकार से यह आग्रह किया गया है कि 20 से 80 फीसद के इस चुनावी आकड़ों को देखते हुए 20 फीसद वाली आबादी को जवाब देते हुए शपथ ग्रहण समारोह मां गंगा के तट पर या काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में आयोजित किया जाए.
काशी के सन्त समाज ने अपनी मांग को रखते हुए कहा कि अगर शपथ ग्रहण समारोह न हो तो कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित करें तो भी विश्व में सनातन धर्मियों के लिए बढ़िया संदेश जाएगा. क्योंकि चुनावों में जिस तरह से 20 फीसदी ने माहौल बनाया ये उनको जवाब होगा. इन लोगों को उत्तर प्रदेश की 80 फीसदी ने जवाब दे दिया है.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने इस बारे में कहा कि काशी हिंदू धर्म की सांस्कृतिक राजधानी है. मेरी दृष्टि में यह कहना ही बेमानी है कि यह लोकतांत्रिक चुनाव था, क्योंकि जिस तरीके से 80 और 20 का संघर्ष हुआ, उस वक्त मस्जिदों में कसम खिलायी गयी थी. क्योंकि इस्लाम को मानने वालों ने यह मान लिया था कि यह हम धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं. यह जिहाद है. इस परिस्थिति में इनलोगों को बेहतर संदेश देने के लिए यह उचित होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार का शपथ ग्रहण समारोह काशी में गंगा के किनारे हो या अगर संवैधानिक बाध्यता न हो तो काशी विश्वनाथ परिसर में करें.
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती बाबा विश्वनाथ की गोद से योगी सरकार पार्ट-2 शुरू होने पर पूरे विश्व को यह संदेश जाएगा कि यूपी को काशी विश्वनाथ ही संचालित कर रहे हैं. यदि ऐसा होता है तो यह पूरे विश्व में सनातन धर्मियों के लिए व हिन्दू संस्कृति परम्परा के साथ ही माता गंगा और काशी विश्वनाथ में गहरी आस्था रखने वालों के लिए अटूट संदेश होगा. या फिर पहली कैबिनेट मीटिंग भी यहां से आयोजित हो जाये तो यह भी बहुत अच्छा होगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी