सत्यनारायण भगवान की मूर्ति पर दिखे लंपी बीमारी के लक्षण, दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

Symptoms Of Lumpy Disease: बीकानेर के 100 साल पुरानी मंदिर में सत्यनारायण भगवान की मूर्ती पर लंपी वायरस के लक्षण देखने को मिला. ये बात पूरे प्रेदश में आग की तरह फैल गई. जिसके बाद मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए भीड़ जमा हो गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2022 5:53 PM
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Symptoms Of Lumpy Disease: गौवंशों में लंपी स्किन रोग के फैलने से लोग परेशान हैं, लेकिन अगर इस तरह की डिजीज का असर मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति पर देखने को मिले तो क्या कहेंगे आप. ऐसी बात सुनकर किसी को भी हैरानी हो सकती है, क्यूंकि आज वैज्ञानिक युग में इसे भले ही अंधविश्वास, आस्था या चमत्कार का नाम दिया जाए, लेकिन बीकानेर के रत्तानी चौक के सत्यनारायण मंदिर से जो तस्वीरें सामने आई है, यह बात कौतूहल का विषय बन गया है. इसे लेकर कई तरह की बातों ने सबको हैरानी में डाल दिया है. लंपी के चलते गौवंश की स्किन पर उभरने वाले दाने जैसी कुछ आकृतियां भगवान की मूर्ति पर देखने को मिला. ऐसा हम नहीं, बल्कि मंदिर के पुजारी और वहां के स्थानीय लोगों का कहना है.

क्या है लंपी स्किन रोग

तेजी से फेल रही लंपी स्किन डिजीज ने प्रदेशभर में महामारी का रूप ले लिया है. जो गौवंशों में इसके मामले ज्यादातर देखने को मिल रही है. बता दें कि कैपरी पॉक्स वायरस को लंपी वायरस के तौर पर जाना जा रहा. जो दिखने में स्किन पर ढेलेदार त्वाचा रोग वायरस भी कहते हैं. इस वायरस की शुरुआत पॉक्सविरिडाए डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस से होती है. पॉक्सविरिडाए को पॉक्स वायरस भी कहा जाता है. इसके प्राकृतिक मेजबान (Natural Host) रीढ़ और बिना रीढ़ वाले जंतु होते हैं. इस परिवार में वर्तमान में 83 प्रजातियां शामिल हैं, इस परिवार से जुड़ी बीमारियों में स्मॉलपॉक्स यानी चेचक भी शामिल है. वायरस के जैविक वर्गीकरण के लिए ‘जीनस’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. आसान भाषा में इसे ‘विषाणुओं की जाति’ कह सकते हैं. जीनस में तीन प्रजातियां होती हैं- शीप पॉक्स (SPPV), गोट पॉक्स (GTPV) और लंपी स्किन डिसीज वायरस (LSDV).

पशुपालकों में हाहाकार

जीवित गाय में होने वाली इस लंपी डिजीज से पशुपालकों में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं सत्यनारायण मंदिर की मूर्ति में लंबी डिजीज के लक्षण दिखाई देने से लोग काफी हैरान हैं ये चमत्कार है या आस्था, यह सोचने की बात है. वहीं, वहां के पुजारी और लोगों का कहना है कि मंदिर में मूर्ति पूजा होने तक ऐसा कुछ नहीं था, लेकिन जैसे ही अगली सुबह मंदिर में पुजारी मंदिर में पहुंचे तो उन्होंने मूर्ति पर दाने उभरे देखे. जिसके बाद यह घटना स्थानीय लोगों में आग की तरह फैल गई, और देखते ही देखेत लोगों की भीड़ इक्ट्ठी हो गई.

मंदिर के पुजारी ने कहा

मंदिर के पुजारी ने कहा कि यह बीमारी अचानक ही आई है. हम रोज भगवान की सेवा और अभिषेक करते हैं, लेकिन कभी ऐसे दाने नहीं देखे. उसने कहा कि वो रात को ही ठाकुर जी की पूजा करके गए, उस वक्त भी ऐसी कुछ नहीं था, लेकिन जब सुबह आए तो हल्के दाने थे और बाद में बहुत ज्यादा दाने आ गए. वैसे उनके दाने-दाने से पूरे शरीर पर और भगवान के चेहरे पर सूजन भी आ गई. उन्होंने कहा कि यह मंदिर कम से कम 100 साल पुराना है .

‘ये चमत्कार से कम नही है’

इस घटना के बाद इलाके के वहां के पार्षद ने कहा कि आज सुबह मोहल्ले में भगवान सत्यनारायण जी के मंदिर में भगवान की सौ साल पुरानी मूर्ति है जैसा गायों में दाने दाने हों वैसा ही भगवान की मूर्ति में भी देखा गया है. भगवान ने गौवंश को तकलीफ में देखकर उनकी बीमारी को अपने ऊपर ले लिया है, ताकि ये बीमारी खत्म हो सके. ये चमत्कार से कम नही है. जल्द ही भगवान इस बीमारी को दूर करेंगे.

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