गोला में ताइवान के पीले तरबूज की खेती

आमतौर पर आप लाल तरबूज देखते हैं, खरीदते हैं और उसका स्वाद लेते हैं. लेकिन गोला में पहली बार पीले तरबूज की खेती की गयी है. यहां के किसान राजेंद्र बेदिया ने जोखिम उठाते हुए अपनी खेती को नया आयाम दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2020 3:10 AM
  • नयी फसल : किसान राजेंद्र बेदिया ने खेती को दिया नया आयाम, लोगों को चौंकाया

  • 15 डिसमिल जमीन पर उगाये 15 क्विंटल ताइवानी तरबूज, वजन पांच किलो तक

गोला : आमतौर पर आप लाल तरबूज देखते हैं, खरीदते हैं और उसका स्वाद लेते हैं. लेकिन गोला में पहली बार पीले तरबूज की खेती की गयी है. यहां के किसान राजेंद्र बेदिया ने जोखिम उठाते हुए अपनी खेती को नया आयाम दिया.

उन्होंने ताइवान से पीले तरबूज के बीज मंगाये और ऑर्गेनिक विधि से इसकी खेती की. जो फसल तैयार हुई है, उसे देख कर लोग आश्चर्य चकित हैं. इसकी चर्चा दूर-दूर तक हो रही है और दूसरे गांवों के किसान इसे देखने भी आ रहे हैं. राजेंद्र बेदिया गोला प्रखंड के चोकड़बेड़ा गांव में रहते हैं.

श्री बेदिया ने बताया कि प्रयोग के तौर पर उन्होंने अपने खेत के एक हिस्से में ताइवान के तरबूज की खेती की है. खास बात यह है कि इसमें उन्होंने किस तरह के रासायनिक खाद या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया है. यह तरबूज अनमोल हाइब्रिड किस्म का है. इसका रंग बाहर से सामान्य तरबूज की तरह हरा है, लेकिन इसके अंदर का भाग पीला है. लाल तरबूज के मुकाबले यह ज्यादा मीठा और रसीला है. इस तरबूज में पोषक तत्व भी अधिक हैं.

क्षेत्र के किसानों के प्रेरणास्रोत बने राजेंद्र : राजेंद्र बेदिया ने स्नातक तक की शिक्षा हासिकल की है. वर्तमान में वे विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही खेती में नये-नये प्रयोग भी करते हैं, जो गांव अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायी है. राजेंद्र कहते हैं : शुरू से बागवानी और खेती-बाड़ी से मेरा लगाव रहा है. मैंने ढाई एकड़ में आम की बागवानी की है. साथ ही बहुफसलीय खेती भी करता हूं.

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