झारखंड : धनबाद के SNMMCH में सीट बढ़ाने का श्रेय लेने की मची होड़, सांसद व झरिया विधायक के समर्थक कर रहे दावा

धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल यानी एसएनएमएमसीएच में एमबीबीएस की सीट बढ़ने पर भाजपा और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ मची है. सांसद पीएन सिंह और झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थक श्रेय लेने में लगे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2023 9:06 PM

Jharkhand News: धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में एमबीबीएस में 50 से 100 सीट होने का श्रेय लेने के लिए भाजपा एवं कांग्रेस के बीच होड़ मची हुई है. इस मामले में सांसद पीएन सिंह एवं झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थक अपने-अपने नेता को इसका श्रेय दे रहे हैं.

क्या है मामला

नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने तकनीकी कारणों से एमबीबीएस में सीटों की संख्या एक सौ से घटा कर 50 कर दिया था. इसको लेकर हर स्तर पर विरोध हुआ. सीटें बढ़ाने को ले कर कई बार एनएमसी को पत्र दिया गया. निरीक्षण भी हुआ. लेकिन, शिक्षकों की कमी सहित अन्य संसाधनों की कमी से यह टलता रहा. कुछ कमियां दूर हुई. इस वर्ष एमबीबीएस में एक बार फिर से एक सौ सीटों पर नामांकन हुआ है.

सांसद ने पत्र भेज किया था आग्रह

सांसद पशुपति नाथ सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को 25 जनवरी को एक पत्र भेज कर यहां एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया था. एसएनएमएमसीएच में व्याप्त खामियों को दूर करने की मांग थी. जब सीटें बढ़ी, तो सांसद के नजदीकी समर्थकों ने इस पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि उनके प्रयास से ही यहां एमबीबीएस की सीटें बढ़ी.

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विधायक ने विधानसभा में कई बार उठाया मामला

वहीं, सांसद समर्थकों के दावा के बाद झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाला. विधायक द्वारा विधानसभा के अंदर तथा राज्य सरकार के साथ विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर हुई वार्ता एवं पत्राचार को सार्वजनिक किया. दावा किया कि विधायक के प्रयास से ही सीटें बढ़ी हैं. उन्होंने 29 अगस्त, 2022 को ही स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेज कर इस मेडिकल कॉलेज में सीटों के मुद्दों को उठाया था. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से दो-तीन बार मिल कर भी अपनी बातों को रखी. चार मार्च को विधानसभा सत्र में भी इस मामले को उठायी थी. इस पर सरकार ने लिखित जवाब भी दिया था.

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