West Bengal: ढाई साल बाद फिर खुला टाला ब्रिज, सीएम ममता बनर्जी ने पूजा पंडालों का भी किया उद्घाटन
West Bengal: ढाई साल का इंतजार हुआ खत्म . दुर्गापूजा से पहले कोलकाता वासियों के मिली राहत. टाला ब्रिज का उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया. दुर्गापूजा के दौरान जनसम्पर्क तेज करेगी तृणमूल.
West Bengal: ढाई साल का इंतजार हुआ खत्म. दुर्गा पूजा से पहले कोलकाता वासियों के मिली राहत. टाला ब्रिज का उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया . उन्होंने कहा कि यह दुर्गापूजा से पहले बंगाल के लोगों के लिये मेरी तरफ से उपहार है.दो वर्षों में 468 करोड़ रुपये की लागत से 750 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया गया है. माझेरहाट पुल के ढह जाने के बाद खतरे से बचने के लिए पुराने टाला पुल को तोड़कर नया ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया.
टाला ब्रिज खुलने से ट्रैफिक जाम में आएगी कमी
पूजा से पहले टाला ब्रिज के खुलने से ट्रैफिक जाम में कमी आने की उम्मीद है. टाला सेतु कोलकाता और उत्तरी उपनगरों के रास्ते में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मेयर फिरहाद हाकिम ने कहा कि यह नया ब्रिज नवीनतम तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, इसलिए यह पहले की तुलना में काफी मजबूत हो गया है. लोगों की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है.
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सुजीत बोस को मुख्यमंत्री की चेतावनी पूजा के लिए बंद न हो वीआईपी रोड
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज से पूजा पंडालों का उद्घाटन भी शुरु कर दिया. इस दौरान वह प्रसिद्ध पूजा पंडाल श्री भूमि के उद्घाटन के दौरान मंत्री सुजीत बसु को कहा कि दुर्गा पूजा के लिए वीआईपी रोड पर भीड़ या ट्रैफिक जाम नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के पूजा मंडप का उद्घाटन करने के बाद मंत्री सुजीत बोस को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि सुजीत बाबू से मेरा केवल एक ही अनुरोध है सड़क बंद नहीं होना चाहिए़. आम लोग पूजा पंडाल तक पहुंचे इसकी पूरी व्यवस्था होनी चाहिए.
दुर्गापूजा के दौरान जनसम्पर्क तेज करेगी तृणमूल
दुर्गापूजा के दौरान सिर्फ उत्साह में डूबे नहीं रहना है बल्कि लोगों के बीच जाकर जनसम्पर्क अभियान बढ़ाना है. तृणमूल नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की तरफ से इसी तरह के दिशा-निर्देश मिले हैं. पार्टी सूत्रों की माने तो आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए अभिषेक ने नेताओं को जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत करने का निर्देश दिया है जिसका सर्वोत्तम विकल्प दुर्गापूजा को माना जा रहा है.इसे देखते हुए स्थानीय क्लबों के साथ घुलने-मिलने को कहा गया है.