Jharkhand news: पंचायत चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर लातेहार में टाना भगतों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा. बुधवार को टाना भगतों ने टोली बनाकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, वन प्रमंडल समेत कई कार्यालयों में अधिकारी व कर्मियों को बाहर निकाल कर ताला लगा दिया. इस दौरान वन प्रमंडल कार्यालय में डीएफओ रोशन कुमार ने टाना भगतों को काफी समझाया, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. वन प्रमंडल कार्यालय में ताला लगाने के बाद सभी टाना भगत समाहरणालय पहुंचे और आंदोलन स्थल पर बैठ गये.
विरोध के कारण पंचायत चुनाव के लिए नामांकन स्थल में हुआ बदलाव
सरकारी कार्यालय में ताला लगाने से जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्य के नामांकन की प्रक्रिया 20 सूत्री एवं जिला नियंत्रण कक्ष में किया जा रहा है. मालूम हो कि राज्य में पंचायत चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर मंगलवार को टाना भगतों ने आंदोलन शुरू किया. आंदोलन के पहले दिन टाना भगतों ने जिला समाहरणालय परिसर को अपने कब्जे में लेते विरोध प्रदर्शन किया. जिला प्रशासन के अधिकारी काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन टाना भगत टस से मस नहीं हुए.
डीसी-एसपी करते रहे प्रयास, पर नहीं माने टाना भगत
बता दें कि मंगलवार की रात डीसी अबु इमरान और एसपी अंजनी अंजन टाना भगतों को कई बार समझाने का प्रयास किया. वहीं, दोनों अधिकारियों ने कहा कि टाना भगतों की बातों से चुनाव आयोग एवं मुख्य सचिव को अवगत करा दिया गया है. जो निर्देश राज्य स्तर से आयेगा उसे आपलोगों को बता दिया जायेगा. लेकिन, टाना भगत अपना आंदोलन समाप्त करने को राजी नहीं हुए. टाना भगत पंचायत चुनाव रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े है.
मांगें नहीं माने जाने पर सड़क से रेल मार्ग तक आंदोलन की चेतावनी
वहीं, पंखराज टाना भगत और नागेश्वर टाना भगत ने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा. सरकारी पदाधिकारी संविधान की अनदेखी कर रहे हैं. कहा कि टाना भगत की मांगों पर निर्णय नही लिया गया, तो सड़क से लेकर रेल मार्ग तक आंदोलन होगा. मंगलवार की पूरी रात कई अधिकारी पुलिस बल के साथ समाहरणालय में ही जमे रहे. आंदोलन कर रहे टाना भगत अपनी भाषा में पारंपरिक आंदोलन गीत गा रहे थे.
Also Read: बिजली-पानी समेत अन्य मुद्दों को लेकर रांची में भाजपा का हाहाकार प्रदर्शन, राज्य सरकार पर जमकर साधा निशाना41 डिग्री तापमान में भी डटे रहें टाना भगत
मंगलवार को 41 डिग्री तापमान में भी टाना भगत अपने आंदोलन में डटे रहें. सुबह 10 बजे से ही टाना भगत जिला समाहरणालय में जुटने लगे थे. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही थी, वैसे-वैसे जिले भर से टाना भगत जुटने लगे थे. इस दौरान कई पदाधिकारियों ने टाना भगतों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने.
नहीं सुनी विधायक की बात
टाना भगतों के आंदोलन के पहले दिन यानी मंगलवार को स्थानीय विधायक बैद्यनाथ राम समाहरणालय पहुंचे थे. लेकिन, टाना भगतों ने विधायक की भी एक बात नहीं सुनी. टाना भगत एक ही बात पर अड़े थे कि पंचायत चुनाव पूरी तरह छोटानागपुर क्षेत्र में अवैध है.
रिपोर्ट : चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार.