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तापस मंडल ने कहा – लोगों को भेजकर पैसे लेते थे माणिक, करीब 20 करोड़ का हुआ लेन-देन

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल को एक बार फिर ईडी ने तलब किया है. जहां पर तापस मंडल ने कहा कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए माणिक भट्टाचार्य लोगों को भेजकर पैसे लिया करते थे .

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2022 2:39 PM
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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य ( Manik Bhattacharya ) के करीबी तापस मंडल (Tapas Mandal) को एक बार फिर ईडी ने तलब किया है. जहां पर तापस मंडल ने कहा कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए माणिक भट्टाचार्य लोगों को भेजकर पैसे लिया करते थे . इस ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन से जुड़े आर्थिक लेनदेन का हिसाब देने के लिए बुधवार को तापस ईडी के दफ्तर पहुंचे थे. जहां तापस मंडल ने माणिक भट्टाचार्य पर कई आरोप भी लगाये है. उन्होंने कहा कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान 20 करोड़ से अधिक रुपये का लेनदेन किया गया है.

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डीएलएड कॉलेज में प्रशिक्षण के नाम पर छात्रों से लिया जाता था पैसा

ईडी के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2018 से 2022 तक तीन शैक्षणिक वर्षों में टेट परीक्षा के लिए डीएलएड प्रशिक्षण लेने के इच्छुक छात्रों से नियमित रूप से पैसा लिया जाता था. मूल रूप से डीएलएड ट्रेनिंग के 600 कॉलेजों में ऑफलाइन एडमिशन के लिए पैसे लिए गए थे . माणिक के करीबी माने जाने वाले तापस ने भी बुधवार को बताया कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 5000 रुपये लिए जाते थे. यह लेनदेन महिषबथान में तापस के एक कार्यालय में हुआ करता था. जो कि माणिक भट्टाचार्य के पास जाता था उसके बाद आगे क्या होता था उसकी जानकारी मेरे पास नहीं है.

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चौथी बार ईडी कार्यालय में पेश हुए है तापस 

ईडी ने 15 अक्तूबर को तापस द्वारा बताए गए महिषबथान कार्यालय पर छापा मारा था. केंद्रीय जांच एजेंसी ने उस कार्यालय से कई दस्तावेज भी बरामद किए गये थे. चौथी बार ईडी कार्यालय में पेश हुए है तापस मंडल.अक्तूबर 2018 से अप्रैल 2019 के बीच करीब 530 निजी कॉलेजों व शैक्षणिक संस्थानों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर 50-50 हजार रुपये लिये गये थे. लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं की गयी. ईडी ने जिन शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की थी, संभवत: उनका भी इस संस्थान से संबंध हो सकता है. ईडी इसी बात का पता लगा रही है कि तापस के शिक्षण संस्थानों और ‘मेसर्स एक्योर कंसल्टेंसी सर्विसेस’ के बीच कोई वित्तीय लेन-देन हुआ है या नहीं.

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