कौशिकी अमावस्या पर तारापीठ में होगा लाखों भक्तों का समागम, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी

तारापीठ मंदिर कमेटी के पुरोहित के अनुसार बांग्ला कैलेंडर के मुताबिक गुरुवार 14 सितंबर को कौशिकी अमावस्या है. अमावस्या तिथि गुरुवार को सुबह 5:30 बजे लग रही है और अगले दिन शुक्रवार सुबह 6:30 बजे तक रहेगी. इस दौरान पूजा की जा सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2023 5:57 PM

बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में बांग्ला कैलेंडर के अनुसार गुरुवार को कौशिकी अमावस्या है. इस विशेष दिन बड़ी संख्या में तंत्र-साधक व अन्य भक्तगण तारापीठ मंदिर में उमड़ते हैं. इसे देखते हुए जिला प्रशासन व जिला पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. जगह-जगह पुलिस तैनात की गयी है. कई सीसीटीवी कैमरों के साथ ड्रोन कैमरों से भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस नजर रखेगी. कुछ खास स्थानों पर वॉच टावर भी बनाये गये हैं, जिससे पुलिस निगरानी करेगी. भक्तों की भीड़ में अव्यवस्था से बचने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किये हैं. तारापीठ में भक्तों के आने के सिलसिला जारी है.

गुरुवार को प्रात: 4.30 बजे शुरू हो जायेगी मंगला आरती

मंदिर प्रांगण को सजाया गया है. इस दिन मां तारा की विशेष पूजा की जाती है. गुरुवार को प्रात: 4.30 बजे मंगला आरती शुरू हो जायेगी. जिला प्रशासन का अनुमान है कि इस बार कौशिकी अमावस्या पर तारापीठ में आठ से 10 लाख श्रद्धालु जुटेंगे. जिला पुलिस की ओर से समय-समय पर तारापीठ मंदिर और आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया जा रहा है. इस संबंध में रामपुरहाट अनुमंडल पुलिस अधिकारी धीमान मित्रा ने बताया कि कौशिकी अमावस्या के दौरान तारापीठ में एक हजार पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. इसके अलावा 1700 नागरिक स्वयंसेवक भी रहेंगे.

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सीसीटीवी कैमरों के साथ ड्रोन से भी की जायेगी निगरानी

इस बार ड्रोन कैमरे से हवाई निगरानी भी की जायेगी. बुधवार सुबह 6:00 बजे से ही ट्रैफिक नियंत्रित किया जा रहा है. तारापीठ जानेवाले मार्ग पर बसें बंद कर दी गयी हैं. तारापीठ में प्रवेश से पहले चांदपाड़ा या अम्मा मोड़ पर ही यातायात को नियंत्रित किया जायेगा. बड़ा वाहन तारापीठ में प्रवेश नहीं करेगा. श्रद्धालु छोटे वाहनों से मंदिर तक पहुंच सकते हैं. कौशिकी अमावस्या पर उमड़नेवाली भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था ना फैले, इसके लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की है. उधर, तारापीठ मंदिर कमेटी के सूत्रों की मानें, तो कौशिकी अमावस्या पर लाखों साधक व श्रद्धालु जुटेंगे. इसलिए मंदिर कमेटी ने भी तैयारी की है. मंदिर प्रांगण में पर्याप्त रौशनी व पानी की व्यवस्था है. जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी है. मंदिर कमेटी की अपनी सुरक्षा भी है.

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कौशिकी अमावस्या के लिए पूजा का समय

तारापीठ मंदिर कमेटी के पुरोहित के अनुसार बांग्ला कैलेंडर के मुताबिक गुरुवार 14 सितंबर को कौशिकी अमावस्या है. अमावस्या तिथि गुरुवार को सुबह 5:30 बजे लग रही है और अगले दिन शुक्रवार सुबह 6:30 बजे तक रहेगी. इस दौरान पूजा की जा सकती है.

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