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MPL प्रबंधन से नाराज आंदोलनरत कर्मचारियों ने मुख्य गेट किया जाम, कर रहे ये मांग

आंदोलनरत कर्मियों ने मांग की है कि टाटा पावर की कंपनी को टाटा की तर्ज पर वेतनमान देना होगा. तभी कर्मी कंपनी के सभी नियमों को मानने के लिए तैयार हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2021 12:01 PM

Jharkhand News, धनबाद न्यूज (अरिंदम) : झारखंड के धनबाद जिले के निरसा में पंचिंग कार्ड लेकर एमपीएल में एंट्री करने को लेकर बीते दो दिनों से आंदोलनरत कर्मियों का आंदोलन मंगलवार को अचानक उग्र हो गया. अरूप चटर्जी एवं अशोक मंडल गुट के विस्थापितों ने एकजुट होकर एमपीएल के मुख्य गेट को जाम कर दिया.

प्लांट में कोयला एवं फ्लाइ एश का ट्रांसपोर्टिंग रोक दी गई है. प्लांट के अंदर बाहर जाने वाले अधिकारियों को गेट के बाहर ही रोक दिया गया. सूचना पाकर काफी संख्या में निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र के पुलिस अधिकारी व जवान मौके पर पहुंचे. दंडाधिकारी सह प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी संतोष कुमार भी वहां पहुंचे. डॉ कुमार प्लांट के अंदर प्रवेश कर रहे थे, तभी आक्रोशित कर्मियों ने उन्हें रोक दिया.

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इसी बीच तू-तू मैं-मैं से लेकर धक्का-मुक्की तक हो गई. आरोप है कि आंदोलनरत कर्मियों ने दंडाधिकारी को मारकर घायल कर दिया. इसके बाद निरसा थाना प्रभारी सुभाष सिंह के साथ विस्थापित कर्मियों की तीखी नोकझोंक होने लगी. कर्मियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन लोगों के साथ बेवजह मारपीट की है. मारपीट में कर्मी तुलसी तिवारी को चोटें आयी हैं. सूचना पाकर एसडीपीओ पितांबर सिंह खरवार सदलबल पहुंचे. काफी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण किया. झामुमो केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य अशोक मंडल मौके पर पहुंचकर एमपीएल ओपी में प्रबंधन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है.

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एमपीएल के अधीनस्थ कर्मियों का कहना है कि एमपीएल प्रबंधन अब पंचिंग कार्ड के माध्यम से उन लोगों को प्लांट के अंदर प्रवेश करने एवं निकासी करने का नियम लागू कर रहा है. आये दिन विभिन्न तरह से शिकंजा कसने का प्रबंधन हर संभव प्रयास कर रहा है. कार्यरत कर्मी प्रबंधन के सभी नियमों को मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन वर्षों से लंबित कर्मियों की वेतन वृद्धि नहीं की गयी है.

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एमपीएल टाटा पावर की कंपनी है, लेकिन उन्हें आज तक कंपनी का प्रमाण पत्र तक नहीं मिला है. टाटा पावर की कंपनी को टाटा की तर्ज पर वेतनमान देना होगा. तभी कर्मी कंपनी के सभी नियमों को मानने के लिए तैयार हैं. आपको बता दें कि एमपीएल के अधीनस्थ सुरक्षा कंपनी के अधिकारी द्वारा सोमवार को करीब एक दर्जन विस्थापित गैर विस्थापित कर्मियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं करोड़ों रुपया एमपीएल प्रबंधन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी है. कर्मी दर्ज करायी गयी प्राथमिक का भी विरोध कर रहे हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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